दक्षिण कोंकण, गोवा और दक्षिणi मध्य महाराष्ट्र के कई हिस्सों में गरज के साथ भारी से बहुत भारी बारिश देखने को मिली हैं। 23 जुलाई को, महाबलेश्वर में 594 मिमी बारिश दर्ज की गई जो कि 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड है। कोल्हापुर में भी पिछले 3 दिनों में लगभग 431 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा सतारा में भी पिछले 24 घंटों में 172 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं माथेरान 81 मिमी और पुणे 92 मिमी बारिश हुई है।
बारिश के कारण, रायगढ़ जिले में हुई भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 57 लोगों की जान चली गई। महाराष्ट्र के सतारा, कोल्हापुर, रत्नागिरी और रायगढ़ जिले इन मौसमी गतिविधियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। विदर्भ समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भी भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गयी। हालाँकि 19 जुलाई के बाद से मुंबई और अन्य उपनगरों में बारिश की गतिविधियां कम हो गई हैं।
गुजरात तट से केरल तट तक फैली हुई एक ट्रफ रेखा के कारण यह मूसलाधार बारिश देखने को मिली है। वहीं पश्चिमी तटीय इलाकों में मानसून गतिविधियों के प्रबल होने का कारण एक कम दबाव का क्षेत्र है जो उत्तर आंध्र और दक्षिण ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से पर था। इसके अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक तट पर निम्न स्तर की पछुआ हवाएँ बहुत प्रबल हैं। इन मौसमी सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव के परिणामस्वरूप दक्षिण कोंकण और गोवा, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और कर्नाटक के तटीय इलाकों में बेहद भारी बारिश हुई है।
पिछले कुछ वर्षों से देश में मौसम की गतिविधियां चरम स्टार पर बढ़ रही हैं। कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र के लिए भारी मूसलाधार बारिश और व्यापक बाढ़ अब एक आम सी बात हो गयी है। पश्चिमी घाट पर भारी बारिश और सही प्रबंधन न होने के कारण लोगों की जान जान्ने और साथ ही संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुँचने की घटनाये जारी रह सकती है। आने वाले वर्षों में मौसम की घटनाओं की तीव्रता और में और वृद्धि होने की संभावना है।
अब कम दबाव का क्षेत्र ओडिशा और छत्तीसगढ़ के आंतरिक हिस्सों पर बन गया है। इसलिए इस मौसमी सिस्टम का पूरा असर कम हो गया था। इसके अलावा, ट्रफ रेखा भी कमजोर हुई है। जिसके कारण बारिश की गतिविधियां आज दोपहर तक देश के पश्चिमी तट पर काफी कम हो जाएंगी। जो राहत और बचाव कार्यों में मदद करेगी।
स्काइमेट के विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान हल्की बारिश होने के आसार है। हालाँकि भारी बारिश की घटनाये अब देखने को नहीं मिलेंगी।