आने वाले दिनों में प्री मानसून गतिविधियां पूरे मध्य भारत में बढ़ने की उम्मीद है।
पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षा और गरज के साथ छत्तीसगढ़, दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश और विदर्भ और मराठवाड़ा के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के निकटवर्ती भागों में है। एक निम्न दबाव के रेखा इस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से विदर्भ तक जा रही है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ देश के मध्य भागों में भी नमी बढ़ा रही हैं। छत्तीसगढ़, पूर्वी और दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बारिश हो सकती है। एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि भी संभव है। हल्की बारिश की गतिविधियां मध्य महाराष्ट्र के कुछ भागों को भी प्रभावित कर सकती हैं। इस प्री-मॉनसून बारिश के 11 अप्रैल तक जारी रहने की उम्मीद है। इसके बाद 12 अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच बारिश मैं कमी आ सकती है। 14 अप्रैल से एक बार फिर बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती है। प्री मानसून की बारिश आमतौर पर दोपहर या शाम के दौरान होती है। तापमान में वृद्धि के कारण गरजने वाले बादल बनते हैं जो तेज हवाओं के साथ-साथ गरज और तेज बारिश देते हैं।
मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान के पश्चिमी भागों का मौसम लगभग शुष्क बना रहेगा परंतु यहां भी एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। कम से कम अगले एक सप्ताह तक मध्य भारत में मानसून की इन गतिविधियों के कारण हीटवेव के अनुपस्थित रहने की उम्मीद है।