भारत के रेगिस्तानी राज्य यानि राजस्थान में गर्मी का प्रकोप शुरू हो गया है। हालांकि इस बार सामान्य से अधिक हो रही प्री-मॉनसून वर्षा के कारण राजस्थान में लोगों को प्रचंड गर्मी से अप्रैल के आखिर तक राहत मिलती रही है। अब पारा बढ़ने लगा है। चुरू, बीकानेर, कोटा, जैसलमर, बाड़मेर समेत कई जिलों में हाल के दिनों में गर्मी का असली रूप देखने को मिला।
राजस्थान के लगभग सभी भागों में तापमान 40 डिग्री को पार कर गया है जिससे गर्मी बढ़ गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान के कुछ शहरों में तापमान 45 डिग्री या उससे भी अधिक रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान चुरू में भीषण गर्मी की झलक दिखी, जहां तापमान 45.4 डिग्री तक पहुँच गया।
कोटा और फलोदी में भी 45 डिग्री के आसपास पहुंचा अधिकतम तापमान। इन दोनों स्थानों पर यह साल 2020 का सबसे अधिक तापमान है।
प्री-मॉनसून वर्षा से लगेगी तापमान पर लगाम
हालांकि राजस्थान के जिलों में अब तापमान में बहुत तेज़ी से वृद्धि नहीं होगी क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों पर अगले दो-तीन दिनों के दौरान रुक-रुक कर आँधी चलने और बारिश होने की संभावना है। अनुमान है कि 13 मई तक उत्तरी और पूर्वी राजस्थान के जिलों में बारिश होगी।
14 और 15 मई को पश्चिमी राजस्थान में भी बारिश देखने को मिल सकती है। जैसलमर, जोधपुर, बाड़मेर जैसे पश्चिमी ज़िले भी उस दौरान धूलभरी आँधी और गर्जना के साथ हल्की बारिश से प्रभावित हो सकते हैं।
राजस्थान भारत का सबसे कम वर्षा वाला राज्य है
राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। भारत के कुल क्षेत्रफल में 10.4% क्षेत्र में बसा हुआ है यह राज्य। हालांकि इसका बड़ा भू-भाग रेतीला यानि रेगिस्तानी है। यहाँ का रेगिस्तान इसीलिए अब तक अस्तित्व में है क्योंकि राजस्थान में बारिश बहुत कम होती है।
मॉनसून के चार महीनों यानि जून से सितंबर के बीच राजस्थान में औसतन 415 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है। इसका कारण है कि राजस्थान में मॉनसून सबसे आखिर में पहुंचता है और वापसी सबसे पहले करता है। सबसे कम समय रहने के कारण ही मॉनसून वर्षा राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में बहुत कम होती है।
Image credit: TourMyIndia
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