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[Hindi] बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में हल्की बारिश: बारिश के घाटे की मार्जिन में हो सकती है बढ़ोतरी

August 5, 2022 9:44 AM |

पूर्वी राज्यों बिहार, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में सामान्य से कम बारिश की स्थिति बनी हुई है, भले ही मानसून आधे रास्ते को पार कर गया हो। बिहार को पिछले सप्ताह 28 जुलाई से 03 अगस्त के बीच कुछ राहत मिली। राज्य में सामान्य 68.4 मिमी के मुकाबले 88.2 मिमी बारिश हुई, जो 29% से अधिक है। इस बारिश ने मौसमी घाटे को -42% से -33% तक खींच लिया। हालांकि, इसी अवधि के दौरान झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में -33% और -52% वर्षा की कमी देखी गई। 03 अगस्त 2022 तक, बिहार, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में मौसमी कमी क्रमशः -33%, -48% और -47% है।

इन राज्यों के लिए जून से सितंबर तक मानसून की ट्रफ और मौसमी निम्न दबाव प्रणाली वर्षा के मुख्य चालक हैं। न तो मानसून की ट्रफ रेखा इस क्षेत्र में काफी देर तक टिकी हुई है और न ही मानसून प्रणाली पर्याप्त अवधि के लिए राज्यों से गुजर रही है। जुलाई में बंगाल की खाड़ी के ऊपर पर्याप्त संख्या में प्रणालियां बनीं, लेकिन वे मध्य और पश्चिमी भागों की तरफ गए। महाराष्ट्र, पश्चिम मध्य प्रदेश, पूरे गुजरात और राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में नियमित अंतराल पर तीव्र और व्यापक बारिश देखी गयी। पूर्वी राज्यों को कोई फायदा नहीं हुआ और वहां अच्छी बारिश नहीं हुई, खासकर तब जब इनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।

शीघ्र ही बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक जोड़ी मौसम प्रणाली के उभरने की संभावना है। पहला 05/06 अगस्त के आसपास बनेगा और दूसरा निम्न दबाव 11/12 अगस्त को विकसित होगा। दोनों प्रणालियां एक बार फिर मध्य भागों में फैले हवाई मार्ग और गुजरात और राजस्थान के सुदूर पश्चिम तक यात्रा करेंगी। मॉनसून ट्रफ का पूर्वी छोर पूर्वी राज्यों से सुरक्षित मार्जिन को ध्यान में रखते हुए दक्षिण की ओर धकेला जाएगा। इन मौसम प्रणालियों के परिधीय दक्षिण झारखंड और दक्षिण गंगीय पश्चिम बंगाल में छिटपुट हल्की बौछारें दे सकते हैं, जिससे बिहार राज्य लगभग शुष्क हो जाएगा।






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