1 जून से 5 अगस्त के बीच पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में मानसून ने अलग-अलग रंग दिखाए हैं। पश्चिमी मध्य प्रदेश को सामान्य से 22% अधिक वर्षा मिली है जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश को सामान्य से 10 प्रतिशत कम वर्षा प्राप्त हुई है। छत्तीसगढ़ सामान्य वर्षा के साथ केवल 1% की कमी लिए हुए है।
जुलाई के महीने में इन दोनों राज्यों को अच्छी वर्षा देखने को मिली। एक के बाद एक निम्न दबाव के क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर बनते रहे। और वे पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश करते रहे। पिछले 1 सप्ताह के दौरान दोनों राज्यों को बारिश कुछ कम मिली है।
अब मानसून की रेखा फिर से मध्य भारत की ओर आ गई है साथ ही साथ बंगाल की खाड़ी पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने वाला है। यह कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा तथा छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश देगा। 7 अगस्त से छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है।
9 और 10 तारीख को दोनों राज्यों को कई स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिल सकती है। 11 अगस्त से बारिश में कमी आना शुरू हो जाएगी। यह बारिश दोनों राज्यों में वर्षा की कमी पूरी कर देगी। परंतु 9 और 10 तारीख को कुछ जिलों में जलभराव के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।