पश्चिमी हिमालयी राज्यों में मार्च की पहली बर्फबारी जल्द शुरू होने वाली है। एक के बाद एक दो सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आ रहे हैं। इन सिस्टमों के चलते जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में यानि उत्तर भारत के सभी पर्वतीय राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में 2 से 7 मार्च के बीच बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। हालांकि इन 5 दिनों के बारिश के दौर में 5 मार्च को ब्रेक रहने की भी संभावना है।
मार्च का पहला पश्चिमी विक्षोभ आज रात तक पहाड़ों पर पहुँच जाएगा और इसका प्रभाव 4 मार्च तक जारी रहेगा। हालांकि यह मौसमी सिस्टम बहुत ज़्यादा प्रभावी नहीं है जिससे बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के ऊंचे इलाकों तक ही सीमित रहेगी। हिमाचल प्रदेश में भी उत्तरी पहाड़ों पर कुछ हलचल हो सकती है। जबकि उत्तराखंड में इस दौरान मौसम मुख्यतः शांत रहेगा।
आगामी पश्चिमी विक्षोभ 5 मार्च तक आएगा और इसके प्रभाव से उसी रात से जम्मू और कश्मीर के पश्चिमी इलाकों में कुछ हलचल शुरू हो जाएगी। गतिविधियां 6 मार्च से बढ़ेंगी। केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी 6 मार्च से बारिश और हिमपात शुरू हो जाएगा। सिस्टम अगले दिन उत्तराखंड पर भी अपना असर दिखाएगा और अधिकांश स्थानों पर बदलाव दिखाई देगा। 2 से 7 मार्च के बीच मौसम का सबसे चरम 7 मार्च को ही दिखाई देगा जब जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखंड अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी देखने को मिलेगी। कुछ स्थानों पर भारी हिमपात भी हो सकता है। 8 मार्च से फिर मौसम कमजोर हो जाएगा।
इस सिस्टम के के प्रभाव से 6 और 7 मई को पंजाब व हरियाणा के तराई क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। मार्च के पहले सप्ताह के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हवा के रुख में बदलाव और आकाश की स्थिति मिली जुली रहने की संभावना है। इन परिवर्तनों के साथ, तापमान में उतार-चढ़ाव होता रहेगा। कुछ दिन ऐसे हो सकते हैं जब काफी तेज़ हवाएँ चलेंगी जबकि कुछ दिन ऐसे हो सकते हैं जब हवा की गति बहुत कम रहेगी। 8 और 9 मार्च को समूचे उत्तर भारत में फिर से मौसम शांत रहेगा उसके बाद 10 मार्च को फिर से एक सिस्टम उत्तर भारत में आ जाएगा।
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