मॉनसून के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के निकोबार क्षेत्र में समय से 6 दिन पहले ही आगाज़ के बाद अब बाकी द्वीपीय क्षेत्रों में शीघ्र पहुँचने की संभावना दिखाई दे रही है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 14 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भागों, दक्षिणी अंडमान सागर और निकोबार द्वीपसमूह के कुछ भागों में पहुँच गया था।
अगले 24 से 48 घंटों में अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के बाकी हिस्सों में भी मॉनसून के पहुँचने के लिए मौसमी स्थितियाँ अनुकूल बनी हुई हैं। मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय निकोबार के हट बे के पास से गुज़र रही है। हालांकि 14 मई को आगमन के बाद बीते 2 दिनों में मॉनसून की स्थिति में कोई प्रगति नहीं हुई है। लेकिन इस समय अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के पास बना मौसमी परिदृश्य यह संकेत कर रहा है कि अंडमान व निकोबार द्वीप के बाकी भागों को भी दक्षिण पश्चिम मॉनसून अगले 2 दिनों में कवर कर सकता है।
इस बीच समूचे क्षेत्र में कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। ऐसी बारिश आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। हालांकि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहेगा। इस बीच मॉनसून की उत्तरी सीमा उत्तरी दिशा में आगे बढ़ेगी और 17 या 18 मई तक अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के बाकी भागों में भी मॉनसून का इंतज़ार ख़त्म हो जाएगा। यह अलग बात है कि मॉनसून के पहुँचने से पहले से ही सभी इलाके बारिश में सराबोर हो रहे हैं।
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भारत के मुख्य भू-भाग पर मॉनसून के आने में अभी समय है। भारत के मुख्य क्षेत्र पर मॉनसून का द्वार केरल है और केरल में मॉनसून के आने की सामान्य समय सीमा 1 जून है। इस समय दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बारिश में बढ़ोत्तरी के लिए फिलहाल मौसम अनुकूल दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन संभावना है कि मॉनसून इस माह के अंत तक केरल में दस्तक दे सकता है। स्काइमेट मॉनसून की घोषणा के लिए आवश्यक सभी पहलुओं पर गंभीरता से नज़र रखेगा।
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