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[Hindi] मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह (18 से 24 दिसम्बर, 2020)

December 18, 2020 4:10 PM |

आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 18 से 24 दिसम्बर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।

पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश देखने को मिली। यह वर्षा की गतिविधियां 10 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच में देखी गई थी। भारी बारिश नहीं हुई जिससे फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा। बल्कि इस वर्षा से आगामी फसलों के लिए जमीन में नमी बढ़ेगी जिससे फसलों को फायदा पहुंचेगा।

इस सप्ताह मध्य प्रदेश में बारिश नहीं होगी। हमारा अनुमान है कि पूरे सप्ताह मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा।

इस बीच मध्य प्रदेश में भी न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश के न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान दो से 5 डिग्री तक गिर चुके हैं। अधिकांश जिलों में तापमान सामान्य से नीचे बने हुए हैं तथा एक-दो स्थानों पर शीतलहर का प्रकोप भी शुरू हो गया है। आगामी 2 दिनों के दौरान तापमान में कुछ और कमी आने की संभावना है जिससे सर्दी काफी ज्यादा बढ़ जाएगी।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

मौसम में हो रहे बदलावों के कारण फसलों में कीटों और रोगों की संभावना इस समय बढ़ गई है, ऐसे में किसानो को चाहिए की फसलों की नियमित निगरानी करते रहें।

आलू की फसल में झुलसा (अर्ली ब्लाइट/लेट ब्लाइट) रोग तथा सरसों की फसल में श्वेत किट्ट (व्हाइट रस्ट) व झुलसा (अल्टरनेरिया) जैसे रोगों की संभावनाएं हैं। आलू में झुलसा रोग की रोकथाम हेतु मेनकोजेब 0.2% (2 ग्राम/लीटर पानी) या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 0.3% के घोल का प्रथम छिड़काव करें। साइमोक्सानिल + मेनकोज़ेब के 0.3% घोल का द्वितीय छिड़काव 10-15 दिन के अंतराल से करें।

सरसों में श्वेत किट्ट की रोकथाम हेतु मेटालेक्जिल + मेनकोज़ेब 0.25% तथा झुलसा रोग हेतु मेनकोज़ेब 0.2% घोल 10-15 दिन के अंतराल से 2-3 छिड़काव आवश्यकतानुसार करें। गेहूँ में जड़ माहूँ/रूट एफीड एवं दीमक का प्रकोप इस समय बढ़ सकता है, इसके नियंत्रण हेतु मेटाराइज़ियम एनीसोपली का 2.5 लीटर (5 मि.ली. प्रति लीटर पानी) की दर से प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

चना, गेहूँ, आलू आदि की फसलों में चूहों के नियंत्रण हेतु जीवित बिलों में 2 भाग जिंक-फोसफाइड + 17 भाग आटा + 1 भाग तेल की गोलियाँ बनाकर रखें। गेहूँ की फसल में संकरी पत्ती के खरपतवार के नियंत्रण हेतु 50 ग्राम पिनोक्साडेन सक्रिय तत्व तथा चौड़ी पत्ती के खरपतवार के नियंत्रण हेतु 20 ग्राम कार्फेंटराजोन सक्रिय तत्व 600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर 25-30 दिन बाद उपयुक्त नमी देखकर छिड़कें।

Image credit: The Indian Express

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