आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 27 नवंबर से 3 दिसम्बर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
दक्षिण भारत पर आए चक्रवाती तूफान निवार के प्रभाव से मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा दक्षिणी जिलों में पिछले 2 दिनों के दौरान हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां देखी गई थी। अब इस तूफान का प्रभाव समाप्त हो जाएगा परंतु पूर्वी तथा मध्य जिलों में 27 नवंबर को भी बादल छाए रह सकते हैं। पश्चिमी जिलों में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट भी होगी क्योंकि उत्तर भारत के पहाड़ों से ठंडी हवाएँ मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों पर पहुँचेंगी। पूर्वी जिलों के तापमान में भी 29 नवंबर से धीरे-धीरे कमी आएगी तथा सुबह और रात की सर्दी बढ़ जाएगी।
इस सप्ताह भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास, होशंगाबाद, जबलपुर, सतना, रीवा, खजुराहो, ग्वालियर, गुना समेत समूचे मध्य प्रदेश में मौसम पूरी तरह से शुष्क और साफ रहने की संभावना है। सुबह और रात में धुंध या कुहासा दिखाई दे सकता है लेकिन दिन में खिली धूप के चलते मौसम बेहद खुशनुमा होगा।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
मौसम में हो रहे बदलावों के कारण दलहनी-तिलहनी फसलों समेत विभिन्न फसलों में कीट व रोगों का प्रकोप होने की संभावना भी बढ़ गई है, अतः किसान भाई फसलों की निगरानी करते रहें। चने की फसल में कीटों के नियंत्रण हेतु लाइट ट्रेप व फेरोमोन ट्रेप का उपयोग लाभकरी होगा। चने की वानस्पतिक वृद्धि एवं पुष्पन की अवस्था पर T या Y आकार की 1 से 1.5 फुट लंबी 50 बर्ड परचर लगाएँ। यदि चने की 1 मीटर लंबी कतार में 1 इल्ली दिखे तो नीम बीज सत 5% (25 कि.ग्रा. निबोली) या 1 कि.ग्रा. बैसिलस थुरिंजिनिसिसया 250 इल्ली समतुल्य एन.पी. विषाणु प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रथम छिड़काव करें।
इन दिनों खर-पतवार भी तेज़ी से बढ़ते हैं। गेहूँ में चौड़ी पत्ती वाले खर-पतवारों के प्रभावी नियंत्रण हेतु कारफेंट्राजॉन इथाइल 40% डी.एफ़. 20 ग्राम अथवा मेटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 20 डबल्यू.पी. 4-6 ग्राम (सक्रिय तत्व) प्रति हेक्टेयर बिजाई के 25-30 दिन पर 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। गेहूं में संकरी पत्ती वाले खर-पतवारों की अधिकता होने पर नियंत्रण हेतु क्लोडिनाफॉप प्रोपार्जिल 15% डबल्यू.पी. 60 ग्राम (सक्रिय तत्व) प्रति हेक्टेयर 25-30 दिन की फसल में छिड़कें अथवा पिनोक्साडेन 5.1% ई.सी. की 40 ग्राम मात्रा (स.त.) प्रति हेक्टेयर बिजाई के 35-40 दिन पर छिड़कें।
Image credit: The Indian Express
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