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[Hindi] राजस्थान का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (17 से 23 जनवरी 2021), किसानों के लिए फसल सलाह

January 17, 2021 11:37 AM |
Winters in Rajasthan

आइए जानते हैं 17 से 23 जनवरी के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल। और क्या फसलों से जुड़ी सलाह।

राजस्थान में इस साल जनवरी में बेमौसम बारिश देखी गई। 1 जनवरी से 16 जनवरी के बीच पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 126% ज़्यादा जबकि पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 519% अधिक वर्षा हुई है।

पिछले कुछ दिनों से राजस्थान का मौसम शुष्क बना हुआ है। 15 और 16 जनवरी को अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि देखी गई थी। परंतु पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर दिशा से चलने वाली सर्द हवाओं के चलते दिन और रात के तापमान में एक बार फिर गिरावट दर्ज की गई है। राजस्थान के कई इलाके एक बार फिर शीतलहर की चपेट में आ गए हैं। गंगानगर, चुरु और पिलानी जैसे ज़िले ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उत्तरी जिलों में दिन के तापमान भी सामान्य से काफी कम बने हुए हैं जिससे कोल्ड डे कंडीशन बनी हुई है।

इस सप्ताह यानि 17 से 23 जनवरी के बीच राजस्थान के सभी जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। दिन और रात के तापमान सामान्य से कुछ कम ही बने रहेंगे। कम से कम 21 जनवरी तक राजस्थान के उत्तरी जिलों में शीतलहर जारी रहने की संभावना दिखाई दे रही है। 22-23 जनवरी को हवाओं का रुख बदलेगा जिससे तापमान में हल्की वृद्धि दर्ज की जाएगी तथा शीतलहर से कुछ राहत मिल सकती है।

इस सप्ताह चुरू, श्रीगंगानगर, भरतपुर, अलवर जैसे उत्तरी जिलों और बाड़मेर तथा बीकानेर जैसे पश्चिमी जिलों को छोड़कर ज़्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य के आसपास रहेगा।

राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह

फलों के पेड़ों विशेषकर नींबू प्रजाति (किन्नू), अनार, आड़ू आदि की कटाई- छंटाई काम जनवरी माह में पूरा कर लेना चाहिए। कटाई-छंटाई के बाद बोर्डों मिक्सचर (एक कि.ग्रा. नीला थोथा, एक कि.ग्रा. बुझा हुआ चूना व 125 लीटर पानी मिलाकर) अथवा 3 ग्राम कापर ओक्सीक्लोराइड प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। छिड़काव के समय मौसम पूर्णतः साफ होना चाहिए, अगले 4-5 घंटो में भी बरसात के आसार नहीं होने चाहिए।

कई इलाकों में मटर की फसल की पत्तियों व फलियों पर सफेद रंग का पाउडर/चूर्ण जमा होता देखा जा रहा है, इसके कारण फलियों का छिलका गल कर खराब हो जाता है। यह सफेद चूर्ण छाछियां रोग (पाउडरी मिल्ड्यू रोग) के कारण होता है। इसके नियंत्रण के लिए 3 ग्राम वेटेबिल सल्फर 50 डब्लू.पी. को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें व 12-15 दिन बाद यही छिड़काव दोहरायें।

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