उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। महज़ कुछ ही इलाकों में हल्की बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं। अब स्थितियाँ बदल रही हैं। मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भागों पर पहुँच गई है। इसके चलते बुंदेलखंड रीजन में भी बारिश की गतिविधियां शुरू होंगी। उम्मीद है कि 1 अगस्त से 7 अगस्त के बीच रुक-रुक पूरे उत्तर प्रदेश में मॉनसून मेहरबान रहेगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 1 से 3 अगस्त यानि गुरुवार से शनिवार के बीच उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश होने कि संभावना है। इस दौरान एक-दो जगह भारी बारिश भी दर्ज कि जा सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 4 और 5 अगस्त के बीच वर्षा की गतिविधियां काफी कम हो जाएंगी लेकिन इसी दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश में तेज़ी आने की संभावना है। जब मेरठ, गाजियाबाद, मथुरा, अलीगढ़ जैसे पश्चिमी जिलों में मध्यम वर्षा देखने को मिलेगी।
हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस दौरान मौसम पूरी तरह शुष्क नहीं होगा बल्कि प्रयागराज, वाराणसी, मिर्ज़ापुर, गाजीपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अयोध्या सहित आसपास के इलाकों में रुक-रुक कर कहीं-कहीं हल्की बारिश जारी रहने का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन भागों में मंगलवार और बुधवार यानि 6-7 अगस्त को बारिश की तीव्रता कुछ बढ़ जाएगी। कह सकते हैं अगस्त का पहला हफ्ता उत्तर प्रदेश के लिए मॉनसून के परिप्रेक्ष्य में अच्छा रहेगा। इस बारिश से फसलों को फायदा होगा।
किसानों को सुझाव है कि अधिक बारिश की स्थिति में तूर, मक्का व सब्ज़ियों आदि की खड़ी फ़सलों में जल जमा ना होने दें। अधिक पानी लगने की स्थिति में पानी के निकास की उचित व्यवस्था करें। मक्के की फसल में कीट के प्रकोप की निगरानी करते रहें। क्योंकि मक्के की फसल में लगने वाले कीट खरीफ की अन्य फसलों को भी हानि पहुंचाता है।
इस कीट की विकसित इल्ली तने में छेद करके पौधे को नुकसान पहुँचती है। इसका प्रकोप होने पर फसल पर उचित कीटनाशकों का छिड़काव करें। धान में नाइट्रोजन का छिड़काव पानी का स्तर न्यूनतम होने पर ही करें और अत्यधिक नाइट्रोजन देने से बचें।
Image credit:Hindustan Times
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