काल बैसाखी की दस्तक! बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा में तेज आँधी-बारिश के आसार

Apr 24, 2025, 3:00 PM | Skymet Weather Team
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काल बैसाखी ला सकता है तबाही, फोटो: Telegraph India

कालबैसाखी वह तेज आंधी-तूफान होते हैं जो आमतौर पर तेज हवाओं, बिजली गिरने और भारी बारिश के साथ आते हैं। ये तूफान अक्सर स्थानीय होते हैं लेकिन इनमें काफी नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। अधिकतर ये तूफान झारखंड और छोटानागपुर क्षेत्र में बनते हैं और पश्चिम बंगाल तक फैल जाते हैं। अप्रैल और मई के महीनों में इस तरह की खतरनाक मौसम घटनाएं होने की सबसे ज्यादा आसार होते हैं। ये तूफान दोपहर बाद बनते हैं और शाम से लेकर रात तक सक्रिय रहते हैं। यानी बारिश, तेज हवाओं आँधी और गरज-चमक की शुरुआत दोपहर में होती है और देर रात तक जारी रहती है।

बिहार के ऊपर बनेगा चक्रवाती सिस्टम

26 अप्रैल को बिहार के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बनने की संभावना है। इससे एक झुकी हुई ट्रफ (trough) बनकर झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ होते हुए दक्षिण की ओर फैलेगी। इस सिस्टम को बंगाल की खाड़ी से आने वाली गर्म और नम हवाओं से बढ़ावा मिलेगा। इस समय बिहार, झारखंड, दक्षिण बंगाल और ओडिशा के आंतरिक हिस्सों में तापमान 40°C से ऊपर चल रहा है। अगले दो दिनों में ये जमा हुई गर्मी कालबैसाखी गतिविधियों को बढ़ावा देगी।

27 अप्रैल से शुरू होगी तूफानी गतिविधि

27 अप्रैल से बंगाल (विशेषकर गंगा पश्चिम बंगाल), उत्तर-पूर्व झारखंड और दक्षिण बिहार में आँधी-तूफान की शुरुआत होगी। 28 अप्रैल को यह गतिविधि जारी रहेगी और 29 अप्रैल तक यह उत्तर ओडिशा तक फैल जाएगी। 30 अप्रैल को मौसम की तीव्रता ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मध्य भागों तक सीमित रहेगी। इसके बाद आँधी-तूफान की तीव्रता थोड़ी कम हो जाएगी, लेकिन पूर्वी राज्यों में यह हल्के रूप में जारी रहेगी।

किन-किन जिलों में सबसे ज्यादा असर होगा?

पश्चिम बंगाल के जिन जिलों पर असर ज़्यादा रहेगा, वे हैं मिदनापुर, पानागढ़, झाड़ग्राम, कलाईकुंडा, कांथी, डायमंड हार्बर, दीघा, बांकुड़ा, मालदा, बीरभूम, नादिया, बहारामपुर और मुर्शिदाबाद। वहीं, झारखंड और बिहार के पाकुड़, दुमका, देवघर, धनबाद, जामताड़ा, साहिबगंज, नवादा, जमुई, बांका, गया, पटना, भागलपुर और औरंगाबाद जिले भी प्रभावित होंगे। ओडिशा में 29 और 30 अप्रैल को बारिपदा, बालासोर, पुरी, पारादीप, भुवनेश्वर, कटक, भद्रक और जाजपुर जिलों में भी असर मौसम गतिविधियों का असर रहेगा। साथ ही 30 अप्रैल को उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश में भी कुछ इलाकों में तूफान की गतिविधि देखी जा सकती है।

मई के पहले हफ्ते तक चलेगा मौसम बदलाव

30 अप्रैल के बाद हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ मौसम की गतिविधियाँ (बारिश, तेज हवाएं, आँधी, गरज-चमक आदि) पूर्वी भारत के इन इलाकों में मई के पहले हफ्ते तक जारी रहेंगी। यह किसानों और आम जनता दोनों के लिए अलर्ट रहने का समय है।

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