पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियाँ पर नवंबर और जनवरी की बीच मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं होने के कारण मौसम शुष्क बना रहा। फरवरी में फिर से सर्दियों की मौसम गतिविधि देखी गई थी। 18 से 20 फरवरी के बीच थोड़े समय बारिश होने के बाद क्षेत्र में एक बार फिर से शुष्क मौसम बना हुआ है।
इन दिन हुई मौसमी गतिविधियाँ: हालाँकि, मौसम गतिविधियों का एक नया दौर आने वाला है। 26 फरवरी को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ आया, जिससे पहाड़ियों पर हल्की और छिटपुट बारिश और बर्फबारी हुई। इन गतिविधियों के 27 फरवरी तक जारी रहने की उम्मीद है, जिसके बाद 28 फरवरी को मौसम अस्थायी रूप से कुछ साफ होगा।
इन क्षेत्रो में होगी बारिश: लेकिन, मौसम की शांति लंबे समय तक नहीं रहेगी। एक और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के 29 फरवरी को पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने का अनुमान है। इससे गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और जम्मू-कश्मीर में बारिश और बर्फबारी शुरू हो जाएगी। 1 मार्च तक ये मौसमी गतिविधियां हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लेंगी। विशेष रूप से 2 मार्च को पश्चिमी हिमालय के अधिकांश हिस्सों को प्रभावित करने वाली संभावित भारी बर्फबारी के लिए खुद को तैयार कर लें।
बर्फबारी के साथ बढ़ा खतरा: स्कीयर और सर्दियों के शौकीनों के लिए अच्छी खबर दूसरों के लिए चिंता का विषय हो सकती है। अनुमानित बर्फबारी के साथ, हिमस्खलन का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए, मार्च के पहले सप्ताह के दौरान इन क्षेत्रों की यात्रा करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।