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पहाड़ियों पर बर्फबारी शुरू, आज भारी स्नोफॉल की संभावना, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद

February 19, 2024 5:24 PM |

लद्दाख, कश्मीर घाटी के अधिकांश हिस्सों और जम्मू संभाग की ऊंची चौकियों पर बारिश और बर्फबारी हुई है। लद्दाख क्षेत्र के लेह, स्कर्दू, मुजफ्फराबाद, कारगिल और गिलगित में मध्यम बर्फबारी हुई है। गुलमर्ग, पहलगाम, श्रीनगर, काजी गुंड और बनिहाल सहित कश्मीर घाटी में मध्यम से भारी बारिश और बर्फबारी हुई। जम्मू संभाग के भद्रवाह, कुपवाड़ा, पुंछ और रियासी के अंदरूनी हिस्सों में भी मध्यम बर्फबारी और बारिश दर्ज की गई है। कल 18 फरवरी से पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी की शुरूआत हुई थी, जो अभी जारी है।

बर्फबारी से राजमार्ग बंद: सोनमर्ग और गुलमर्ग में कल भारी बर्फबारी हुई  है। पुंछ क्षेत्र में पीर पंजाल रेंज और बांदीपोरा जिले में गुरेज घाटी में भी काफी भारी बर्फबारी हुई है। शिविर स्थल बालटाल में बर्फ की गहरी परत जमी हुई है। अधिकारियों ने श्रीनगर-लेह राजमार्ग को बंद कर दिया है और जमा बर्फ को हटाया जा रहा है। बर्फबारी के कारण कुछ प्रमुख सड़कें भी प्रभावित हुई हैं, जिससे कनेक्टिविटी बाधित हुई है। कश्मीर घाटी के निचले और मध्य इलाकों में मौसम की स्थिति खराब होने की आशंका है। बनिहाल, रामबन और काजी गुंड इलाके के आसपास भूस्खलन और भारी बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग भी असुरक्षित हो गया है।

भारी बर्फबारी की संभावना: एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर डेरा जमाए हुए है। यह सिस्टम हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में पूर्व की ओर यात्रा करेगा। कश्मीर और जम्मू संभाग में आज भारी बर्फबारी की आशंका है। हिमाचल प्रदेश राज्य में मनाली, कुल्लू, स्पीति, चंबा, डलहौजी और खजियार के लोकप्रिय बर्फ स्थानों पर भी ऐसी ही स्थिति होने की संभावना है। उत्तराखंड राज्य में भी बारिश और बर्फबारी होगी। कुमाऊं पर्वतमाला की चोटियों की तुलना में गढ़वाल क्षेत्र अधिक संवेदनशील रहेगा। उत्तर भारत के सभी पर्वतीय राज्यों में 19 से 21 फरवरी के बीच मौसम की गतिविधियां गंभीर रहेंगी।

मौसम ज्यादा खराब, बरतें सावधानी: भूस्खलन, चट्टान खिसकने और भारी बर्फबारी के कारण कनेक्टिविटी बाधित होगी। श्रीनगर और लेह की उड़ानों के लिए हवाई संपर्क भी प्रभावित होगा। जल निकायों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने और क्षेत्र में बिजली, तूफान और ओलावृष्टि के साथ तूफानी स्थिति के कारण मौसम की गंभीरता और बढ़ जाएगी। 21 फरवरी तक सावधानी बरतने की जरूरत है। मौसम प्रणाली का बचा हुआ असर अगले 48 घंटों तक रहेगा।






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