पूर्वोत्तर भारत में पूरे सप्ताह तूफानी स्थितियाँ, भारी आँधी की संभावना

April 16, 2024 6:08 PM | Skymet Weather Team

पूर्वोत्तर भारत में एक सप्ताह तक मौसम की गतिविधि बने रहने की उम्मीद है, जिससे अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश होगी। बता दें, मौसम गतिविधि आज 16 अप्रैल को शुरू हो सकती है, जो लगभग एक सप्ताह या उससे भी ज्यादा समय तक चल सकती है। वहीं, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और आँधी ज्यादा और तीव्र हो सकती है। वहीं, अन्य हिस्सों में स्थिति थोड़ी बेहतर हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत में पहले सामान्य प्री-मानसून में गरज के साथ तूफान, बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। मौसम की अधिकांश गतिविधियाँ(आँधी, बारिश, ओलावृष्टि, तूफान) देर शाम और रात के समय होंगी।

ऐसी बन रही मौसम प्रणाली: पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पहाड़ों को साफ कर पूर्व की ओर बढ़ गया है। बहुत ज्यादा ऊंचे भूभाग के कारण, मौसम प्रणालियों की ज्यादातर प्रमुख विशेषताएं बीच में ही रुक जाती हैं। इसीलिए हवा की धारा को पकड़ना मुश्किल हो जाता है। हालाँकि, पश्चिमी विक्षोभ सैटेलाइट इमेजनरी में साफ तौर से दिखाई देते हैं, जहाँ इन्हे ट्रैक करना आसान होता है। गौरतलब है, पश्चिमी हिमालय को खाली करने के बाद ये विक्षोभ 24-48 घंटों के बाद पूर्वी भागों तक पहुंचते हैं। मौसम की अच्छी परिस्थितियों में काफी व्यापक और भारी प्री-मानसून गतिविधि शुरू हो जाती है, जो कभी-कभी बहुत खतरनाक भी होती है।

असम, नागालैंड में ज्यादा मौसम खराब: उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर बना प्रतिचक्रवात(Anticyclone) पूर्वोत्तर भारत और पूरे बांग्लादेश में नम हवाओं को बढ़ावा दे रहा है। पूर्वोत्तर के विषम भूभाग घटना के पैमाने में गंभीरता जोड़ने के लिए मौसम प्रणाली की विशेषताओं को संशोधित करते हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। असम घाटी और मेघालय में तेज आंधी और तूफ़ान की गतिविधि होगी। ऊपरी असम और उसके दक्षिणपूर्वी हिस्से निचले असम की तुलना में ज्यादा असुरक्षित होंगे। इसी तरह, मिजोरम और त्रिपुरा की तुलना में नागालैंड और मणिपुर खराब मौसम की स्थिति के लिए ज्यादा संवेदनशील होंगे।

फसलों को नुकसान के आसार: भयंकर बिजली गिरना, डरावनी गड़गड़ाहट जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकती है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को आकाशीय बिजली से हमेशा नुकसान होता है। वहीं, भारी बारिश से कुछ भूस्खलन और सड़कें बाधित हो सकती है। लगातार बारिश और तेज़ हवाएँ खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा सकती हैं। इस बारिश की लंबी अवधि के दौरान स्थानीय लोग संपत्ति और जीवन को सुरक्षित करने के लिए सावधानी बरतें।

OTHER LATEST STORIES