लक्ष्यदीप और उसके आसपास के इलाकों में एक गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र बना जो आज दोपहर डिप्रेशन में तब्दील हो गया। 15 मई को यह समुद्री तूफान बन जाएगा तथा उत्तर उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए और अधिक सशक्त होगा। इस समय तूफान के और अधिक शक्तिशाली होने के लिए सारे कारक मौजूद हैं। समुद्री सतह का तापमान सामान्य से अधिक है, साथ ही साथ मैडन जूलियन ओसीलेशन भी इस समय हिंद महासागर होकर गुजर रही है।
इस समय हमारा अनुमान है कि यह तूफान भारतीय तटों के समानांतर उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा तथा एक सुरक्षित दूरी बनाए रखेगा। इसलिए भारतीय तटों को बहुत अधिक खतरा नहीं है। परंतु फिर भी अगले 24 घंटों तक लक्ष्यदीप को भारी से भारी बारिश के साथ बहुत तेज हवाओं का सामना करना पड़ेगा। केरल आंतरिक तमिलनाडु तथा टटिय कर्नाटका सहित आंतरिक कर्नाटका में भी भारी से अधिक भारी बारिश अगले 2 दिनों तक जारी रह सकती है। 14 मई की शाम से कर्नाटका के तटों सहित गोवा और महाराष्ट्र के दक्षिणी तटों पर बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी जो 16 मई तक काफी ज्यादा उग्र हो जाएगी। केरल तथा कर्नाटका के तटीय जिलों में भारी बारिश के कारण जलभराव या बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है।
केरल के लगभग सभी जिलों में भारी बारिश की संभावना है। कर्नाटक में मेडिकीरी, दक्षिण कन्नडा, शिवमोग्गा, उत्तर कन्नडा, कारवार, हुबली, धारवाड़ तथा बेलगावी जिलों में भारी बारिश हो सकती है। गोवा तथा महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली, सतारा, रत्नागिरी, रायगढ़ तथा पुणे में भी भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है।
अभी के अनुमान के अनुसार यह समुद्री तूफान गुजरात के पश्चिमी तटों या पाकिस्तान के दक्षिण पूर्वी तटों के आसपास 18 मई की शाम या रात को पहुंच सकता है। भारत के पश्चिमी तटों पर समुद्र में ऊंची लहरें उठती रहेंगे हवाओं की रफ्तार भी काफी अधिक रहेगी। इसलिए मछुआरों को सलाह दी जाती है कि 14 से 15 मई के बीच केरल और कर्नाटक के तटों पर, 15 से 17 मई के बीच कर्नाटक तथा दक्षिण महाराष्ट्र के तटों पर, 17 से 19 मई के बीच मुंबई सहित महाराष्ट्र के उत्तरी तट तथा गुजरात के तटीय इलाकों में समुद्र में ऊंची लहरों के साथ तूफानी हवाएं चल सकती है।
स्काईमेट इस समुद्री तूफान के ऊपर नजर बनाए हुए हैं तथा इसके संबंधित सभी अपडेट समय-समय पर देती रहेगी।