पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय, हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी

By: skymet team | Edited By: skymet team
Mar 11, 2025, 3:45 PM
WhatsApp icon
thumbnail image

पश्चिमी हिमालय में बारिश और बर्फबारी, फोटो: The Kashmir press

इस साल सर्दियों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। अधिकांश पहाड़ी राज्यों में ज्यादा बारिश की कमी देखी गई थी, जिससे सूखे जैसी स्थिति बन गई थी। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। हाल के हफ्तों में पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। मौसम प्रणाली में इस बदलाव के कारण फरवरी के आखिरी दिनों और मार्च के पहले कुछ दिनों में भारी से बहुत भारी बर्फबारी हुई।

बारिश और बर्फबारी का मुख्य कारण

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागर से उठने वाले बाह्य-उष्णकटिबंधीय तूफान(extratropical storm) होते हैं, जो सर्दियों में पश्चिमी हिमालय में बारिश और बर्फबारी लाते हैं। आमतौर पर, मार्च आते-आते इनकी सक्रियता घटने लगती है, लेकिन इस साल मौसम का रुख अलग रहा है। आने वाले तीन से चार दिनों में लगातार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेंगे, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।

उत्तर भारत में भी बदलेगा मौसम, होली पर बारिश

पश्चिमी विक्षोभ के अलावा, उत्तर पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान के आसपास एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) विकसित हो रहा है। यह सिस्टम उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करेगा। 12 से 15 मार्च के बीच, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश में बारिश देखने को मिलेगी। 14 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा, लेकिन इस दौरान उत्तर भारत के कई राज्यों में छिटपुट बारिश हो सकती है। यह बारिश ज्यादा भारी तो नहीं होगी, लेकिन कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।

ओलावृष्टि की संभावना और किसानों के लिए चिंता

बारिश के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर राजस्थान के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि (Hailstorm) भी हो सकती है। ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है, जिससे किसानों को सतर्क रहने की जरूरत होगी। यह फसल उत्पादन को प्रभावित कर सकता है, जिससे कृषि क्षेत्र में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं।

बदलते मौसम का प्रभाव और भविष्य की स्थिति

यह बदलता हुआ मौसम उत्तरी भारत में सर्दियों से बसंत ऋतु में हो रहे बदलाव को दिखा रहा है। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवातीय परिसंचरण की परस्पर क्रिया आने वाले हफ्तों में भी मौसम को प्रभावित कर सकती है। एक ओर जहां पश्चिमी हिमालय में वर्षा की कमी को दूर करने के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित होगी। वहीं, दूसरी ओर उत्तर भारत के किसानों को ओलावृष्टि और बारिश से सतर्क रहना होगा।

इस बार मार्च में भी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय बना हुआ है, जिससे पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों दोनों में प्रभाव देखने को मिलेगा। जहां हिमालयी राज्यों में बर्फबारी की कमी दूर होगी, वहीं उत्तर भारत के किसान ओलावृष्टि और बारिश के कारण सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।

author image

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है