मई में बरसे बदरा, मुंबई में झमाझम बारिश, मिड-वीक तक भारी वर्षा के आसार
मुंबई में इस बार मई के महीने में सामान्य से अधिक बारिश हो रही है। आमतौर पर इस महीने में औसतन केवल 11.3 मिमी वर्षा होती है और कई बार तो होती भी नहीं है। लेकिन इस बार मई की शुरुआथ से ही मध्यम दर्जे की गरज-चमक के साथ बारिश हुई है। सांताक्रूज़ वेधशाला में अब तक 41 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि कोलाबा में इसका दोगुना यानी 84 मिमी से अधिक वर्षा हो चुकी है। इस सप्ताह शहर और उपनगरों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।
कोंकण तट पर बनने जा रहा है नया मौसमी सिस्टम
अगले 24 घंटों में कोंकण तट और उससे सटे अरब सागर पर एक नया चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। साथ ही, दक्षिण आंध्र प्रदेश तट और उत्तर तमिलनाडु के पास बंगाल की खाड़ी में पहले से ही एक परिसंचरण मौजूद है। यह सिस्टम अगले 36 घंटों में जमीन की ओर बढ़ेगा और कोंकण क्षेत्र पर बनने वाले सिस्टम से मिल जाएगा। इनके प्रभाव से 22 मई 2025 को कोंकण क्षेत्र और उससे सटे अरब सागर पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका है।
मुंबई में 22-23 मई को भारी वर्षा संभव
मुंबई में आज हल्की बारिश हो सकती है, जबकि कल यानी 20 मई को बारिश थोड़ी मध्यम और रुक-रुक कर हो सकती है। लेकिन 22 और 23 मई को जब निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाएगा, तब मुंबई शहर और उपनगरों में भारी वर्षा की आशंका है। बारिश तब भी जारी रहेगी जब तक सिस्टम थोड़ा उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़कर अरब सागर के उत्तर-पूर्वी हिस्से और दक्षिण गुजरात तट के पास जाएगा।
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मानसून से पहले की बारिश से जल्दी दस्तक संभव
इस बार की बारिश मानसून से पहले की गतिविधियों का हिस्सा है, जो मुंबई में मानसून की सामान्य 11 जून की तिथि से पहले ही इसकी शुरुआत करा सकती है। इस बार की बारिश इतनी अधिक हो सकती है कि 24 घंटे में तीन अंकों तक पहुंच जाए। मई में इतनी भारी वर्षा असामान्य मानी जाती है। पिछली बार 31 मई 2006 को 24 घंटे में 180 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी, जिसे अगले दिन यानी 1 जून के खाते में जोड़ा गया था।
भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित होने की आशंका
यह इस वर्ष की पहली भारी बारिश की गतिविधि हो सकती है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। चूंकि यह भारी बारिश सप्ताह के मध्य यानी 22 और 23 मई जैसे कार्यदिवसों पर होने वाली है, इसलिए यात्रियों और दफ्तर जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सड़कों और हवाई यातायात पर अस्थायी असर पड़ सकता है, इसलिए सतर्कता जरूरी है।







