हीट वेव अलर्ट: राजस्थान में बढ़ेगा पारा चलेगी लू, उत्तरी मैदानी इलाकों में शुष्क मौसम

Jun 5, 2025, 5:00 PM | Skymet Weather Team
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पिछले करीब दस दिनों से उत्तर भारत के पहाड़ों और मैदानों में मौसम अपेक्षाकृत नरम और आरामदायक बना रहा। मई का आखिरी सप्ताह और जून की शुरुआत आमतौर पर गर्मी और उमस से भरी रहती है, लेकिन इस बार मौसम में बदलाव रहा। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और प्री-मानसून के छोटे पैमाने के सिस्टम्स के चलते, आँधी, धूलभरी हवाएं और हल्की बारिश होती रही।

अब मौसम का रुख बदलने वाला है, गर्मी बढ़ेगी

अब मौसम में एक नया मोड़ आने की संभावना है। पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों में अगले एक सप्ताह का विराम आने वाला है। मैदानी इलाकों में बनने वाले चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) भी इस दौरान सक्रिय नहीं रहेंगे। इससे क्षेत्र में सूखा और गर्म हवाओं का दौर शुरू होगा, जो तापमान को सामान्य से ऊपर ले जाएगा। राजस्थान के सीमावर्ती इलाके जैसे जैसलमेर और बाड़मेर तेज गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

उत्तर भारत के शहरों में 42°C से ऊपर जाएगा पारा

आने वाले 10 दिनों में हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में हीट वेव (लू) की स्थिति बन सकती है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के कई इलाकों में तापमान 42°C से ऊपर चला जाएगा। जिन शहरों में तेज गर्मी की संभावना है, उनमें पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, भटिंडा, फिरोजपुर, लुधियाना, पटियाला, चंडीगढ़, अंबाला, हिसार, करनाल, सिरसा और दिल्ली शामिल हैं।

सीमा पार आ रही गर्म हवाएं राजस्थान को झुलसाएंगी

पाकिस्तान के मध्य भागों में इन दिनों तापमान 45°C से ऊपर बना हुआ है। वहाँ से चलने वाली पश्चिमी गर्म हवाएं राजस्थान के पश्चिमी इलाकों में गर्मी को और भड़का देंगी। तेज हीट वेव बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी, बीकानेर और जोधपुर जैसे सीमावर्ती शहरों में देखने को मिल सकती है। इसके अलावा पूर्वी और उत्तरी राजस्थान के शहर जैसे: गंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, पिलानी, सीकर, कोटा, बूंदी, भरतपुर, धौलपुर, दौसा और सवाई माधोपुर भी तेज गर्मी की चपेट में आ सकते हैं।

मानसून की देरी, फिलहाल प्री-मानसून की गतिविधियाँ

दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम राजस्थान में मानसून सामान्यतः जून के आखिरी सप्ताह में पहुंचता है और राजस्थान के अंतिम हिस्सों तक जुलाई के पहले सप्ताह में फैलता है। इन हिस्सों में तब तक केवल प्री-मानसून की हल्की गतिविधियाँ ही बनी रहेंगी। इस बार मानसून का आगमन अब तक रुका हुआ है और जल्द ही इसके शुरुआत की संभावना कम नजर आ रही है। मानसून में संभावित सुधार जून के दूसरे सप्ताह से शुरू हो सकता है, लेकिन यह भी सीमित और असमान हो सकता है। अभी के लिए उम्मीदें धरी की धरी हैं।

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