भीषण गर्मी से झुलसा जैसलमेर, 48 डिग्री पहुंचा तापमान, 15 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा
May 24, 2025, 7:00 PM | Skymet Weather Teamराजस्थान के रेगिस्तानी शहर जैसलमेर में गुरुवार 22 मई को तापमान 48°C तक पहुंच गया, जो अब तक के सबसे अधिक तापमान (25 मई 2010) की बराबरी है। यह भीषण गर्मी उस तेज और शुष्क पछुआ हवाओं का परिणाम है, जो पश्चिमी रेगिस्तानी इलाकों से आ रही हैं और पूरे पश्चिमी राजस्थान को झुलसा रही हैं।
लगातार सूखा मौसम और बढ़ती गर्मी
जैसलमेर में पिछले 12 दिनों से मौसम लगातार सूखा बना हुआ है, जिससे गर्मी और अधिक तीव्र हो गई है। इस भीषण गर्मी का प्रभाव केवल जैसलमेर तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के ज़िलों में भी अत्यधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है।
राजस्थान के अन्य शहरों में भी तापमान रिकॉर्ड तोड़
राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में भी तापमान खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। जिसमें बाड़मेर में 47.5°C, गंगानगर में 47.3°C, बीकानेर में 46.6°C, फलौदी में 46.2°C, चूरू में 46.1°C, पिलानी में 45.7°C, जोधपुर में 44.5°C, कोटा में 43.3°C और जयपुर में 43.2°C तापमान रिकॉर्ड हुआ है। इन आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान देश का सबसे गर्म राज्य बन गया है, जहां हाल के वर्षों की सबसे तीव्र गर्मी दर्ज की जा रही है।
भीषण गर्मी में राहत की संभावना
हालांकि इस भयंकर गर्मी के बीच थोड़ी राहत की उम्मीद है। आगामी दिनों में उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के कुछ ज़िलों जैसे हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू, बीकानेर, जयपुर और अजमेर में छिटपुट प्री-मानसून बारिश और गरज-चमक की गतिविधियाँ हो सकती हैं, जो कुछ समय के लिए गर्मी से राहत दिला सकती हैं।
28 मई से तापमान में गिरावट की उम्मीद
28 मई से राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में तापमान में गिरावट की संभावना है क्योंकि प्री-मानसून गतिविधियाँ तेज होंगी। 30 मई तक रुक-रुक कर बारिश, गरज-चमक और धूलभरी आंधियों का दौर चल सकता है, जिससे मौसम कुछ हद तक सुहाना हो सकता है।
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लू से बचाव के लिए स्काइमेट की सलाह
स्काइमेट ने लोगों से हीटवेव के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है। दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें, भरपूर पानी पिएं, धूप में सीधे संपर्क से बचें और लू व डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियों से बचने के उपाय करें।
अब उम्मीदें बारिश से जुड़ी हैं
राजस्थान इस वक्त बेहद भीषण गर्म मौसम से गुजर रहा है, लेकिन अब उम्मीदें प्री-मानसून बारिश पर टिकी हैं। अगले कुछ दिनों में रेगिस्तानी तपिश को शांत करने वाली बारिश की बूँदें राहत का एहसास ला सकती हैं।