फिलहाल निम्न दबाव का क्षेत्र गंगीय पश्चिम बंगाल पर स्थित है, जो अगले 24 घंटों में झारखंड और दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा। इसके बाद, आगामी 24 घंटों में यह सिस्टम और अधिक पश्चिम की ओर बढ़ते हुए मध्य प्रदेश तक पहुँच जाएगा। इस सिस्टम से जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) पश्चिम बंगाल, झारखंड और आसपास के क्षेत्रों को कवर कर रहा है। इसके साथ ही, एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ (दबाव रेखा) ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश तक फैली हुई है।

मौसम की गतिविधियों की मुख्य वजह
इस सिस्टम से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है – एक तीव्र अभिसरण क्षेत्र, जो सिस्टम के केंद्र से थोड़ा आगे स्थित है। इस क्षेत्र में हो रही गहरी संवहन (Deep Convection) गतिविधियाँ, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में तेज और भारी वर्षा का कारण बनेंगी। इसका प्रभाव आसपास के इलाकों जैसे कि मध्य प्रदेश और उत्तर तेलंगाना में भी महसूस किया जाएगा। यह तीव्र मौसम गतिविधि 07 जुलाई से 09 जुलाई 2025 तक लगातार बनी रह सकती है।
इन इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी
दक्षिण छत्तीसगढ़ और विदर्भ में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ गर्जन-तड़क और तेज हवाएँ चलने की संभावना है। यह मौसम कुछ क्षेत्रों में खतरनाक स्थिति भी पैदा कर सकता है। खराब मौसम की यह स्थिति दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तर तेलंगाना तक पहुँच सकती है। जिसमें सागर, उमरिया, जबलपुर, आदिलाबाद, कुमराम भीम, निर्मल और निज़ामाबाद जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
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इन जिलों में ज्यादा खतरा: छत्तीसगढ़, विदर्भ और मराठवाड़ा पर असर
जो जिले विशेष रूप से जोखिम में हैं, उनमें छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, महासमुंद, बालोद, बिलासपुर और आसपास के इलाके शामिल हैं। विदर्भ और उससे लगे मराठवाड़ा के क्षेत्र जैसे
नागपुर, ब्रह्मपुरी, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, यवतमाल, वाशिम, अमरावती और अकोला में भी भीषण मौसम गतिविधियाँ देखने को मिलेंगी। कुछ अलग-अलग इलाकों में बहुत तेज हवाएं, मूसलाधार बारिश और तीव्र बिजली गिरने की घटनाएँ हो सकती हैं, जिससे फसल, जन-संपत्ति और संसाधनों को नुकसान पहुँचने का खतरा रहेगा।







