महाराष्ट्र राज्य में इस मानसून सीजन में अब तक मिला-जुला हाल रहा है। पूरे राज्य ने जुलाई के मध्य तक सामान्य वर्षा प्राप्त की है, लेकिन इसमें कई चिंताएं भी छिपी हैं। राज्य के आंतरिक क्षेत्रों में वर्षा का वितरण असमान रहा है।
मराठवाड़ा में कमी, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में थोड़ी राहत
सूखे की चपेट में रहने वाला मराठवाड़ा जुलाई के तीसरे सप्ताह तक 40% वर्षा की कमी झेल रहा था। हालांकि, बीते कुछ दिनों में अच्छी बारिश के कारण स्थिति थोड़ी सुधरी है और अब यहां 18% की वर्षा की कमी रह गई है। वहीं, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में सामान्य से 11% अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य दायरे में आता है। लेकिन अगस्त के पहले पखवाड़े में संभावित कमजोर बारिश इस आंकड़े को फिर नीचे ला सकती है। मराठवाड़ा के फिर से 'डिफिसिट' (वर्षा में कमी) श्रेणी में लौटने की संभावना है।
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दक्षिण-पश्चिम मानसून में आने वाला कमजोर दौर
देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून कमजोर पड़ने की संभावना है। पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत में बारिश की कमी देखने को मिल सकती है। मौसमीय परिस्थितियां 'ब्रेक-इन-मानसून' जैसी स्थिति की ओर इशारा कर रही हैं, जो जल्द शुरू हो सकती है। शुरुआत में पश्चिमी छोर की ट्रफ सामान्य स्थिति में बनी रहेगी, लेकिन बाद में इसके उत्तर की ओर खिसकने की आशंका है।
कम दबाव क्षेत्र नहीं बनने से बारिश पर असर
पूर्वी भारत में बंगाल की खाड़ी पर नया कम दबाव क्षेत्र बनने की संभावना फिलहाल कमजोर नजर आ रही है। साथ ही, पश्चिमी तट पर मॉनसून की सक्रियता भी बेहद कम हो गई है। वायुप्रवाह (westerlies) भी कमजोर हो रहे हैं, जिससे महाराष्ट्र के चारों उपविभागों विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण गोवा में बारिश की तीव्रता घट जाएगी।
अगले 10 दिन बारिश के लिहाज से कमजोर, किसानों की चिंता बढ़ी
इस समय यह कहना थोड़ा जल्दबाज़ी होगा कि यह कमजोर मानसूनी दौर कितने समय तक चलेगा, लेकिन अगले 10 दिन मौसम में किसी बड़ी गतिविधि की उम्मीद नहीं है। अगर 10 दिन से ज्यादा बारिश नहीं होती, तो यह स्थिति खेती के लिए चिंता का कारण बन सकती है। मौसम पर नजर रखी जा रही है और जैसे ही कोई नई जानकारी मिलती है, उसे साझा किया जाएगा।
मराठवाड़ा जैसे क्षेत्र जहां पहले ही बारिश कम हुई है, अब फिर से कमजोर मानसून का सामना कर सकते हैं। राज्य के किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। मौसम अपडेट्स पर नियमित नजर रखें।







