मानसून बना मेहरबान, अगले 5 दिन भारी राजस्थान-गुजरात में झमाझम बारिश का अलर्ट

By: skymet team | Edited By: skymet team
Jun 25, 2025, 5:15 PM
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राजस्थान और गुजरात में भारी बारिश, फोटो: PTI

2025 के मानसून सीजन में अब तक राजस्थान और गुजरात में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। गुजरात, सौराष्ट्र-कच्छ और पूर्वी राजस्थान में सामान्य से कहीं अधिक वर्षा हुई है। पश्चिमी राजस्थान में भी सामान्य से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है (1 जून से 25 जून 2025 तक)। मानसून पहले ही पूरे गुजरात और दक्षिण व पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों को कवर कर चुका है। आने वाले कुछ दिनों तक इन दोनों राज्यों में मानसून सक्रिय बना रहेगा और भारी बारिश के आसार हैं।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मौसमी सिस्टम सक्रिय

अरब सागर के उत्तर-पूर्वी सिरे और उत्तर गुजरात व दक्षिण राजस्थान के पास एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। वहीं दूसरी ओर, बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हिस्सों में भी एक और परिसंचरण बन गया है। इन दोनों सिस्टम को जोड़ती हुई एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजर रही है। इस ट्रफ के साथ मध्य प्रदेश पर बना एक और परिसंचरण जुड़ा हुआ है, जिससे पूरे क्षेत्र में मानसून की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से यह ट्रफ उत्तर की ओर खिंच रही है, जिससे राजस्थान और गुजरात में मानसून की सक्रियता और बढ़ेगी।

25 से 28 जून के बीच भारी बारिश की चेतावनी

25 से 28 जून के बीच बारिश की तीव्रता और विस्तार बढ़ेगा। खासकर 26 और 27 जून को कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिसमें 27 जून को ज्यादा बारिश की संभावना है। राजस्थान के मध्य और दक्षिणी हिस्से इस दौरान ज्यादा प्रभावित रहेंगे। विशेष रूप से जयपुर, अजमेर, दौसा, टोंक, कोटा, बूंदी, पाली, भीलवाड़ा और उदयपुर में भारी बारिश की आशंका है।

गुजरात में उत्तर और मध्य हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। डीसा, पाटन, बनासकांठा, साबरकांठा, पालनपुर और मेहसाणा जैसे शहरों में भी अलर्ट की आवश्यकता है। अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा और आनंद जैसे मध्य गुजरात के शहर भी भारी बारिश की चपेट में आ सकते हैं।

29 जून से बारिश थोड़ी कम, लेकिन फिर बड़ा खतरा

29 जून से 1 जुलाई तक बारिश की तीव्रता कुछ कम हो सकती है, लेकिन 2 से 4 जुलाई के बीच फिर से भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। इस दूसरी लहर में कच्छ क्षेत्र में भी बहुत भारी वर्षा हो सकती है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

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