दक्षिणी भारत में कम बारिश के साथ हुई मानसून की शुरुआत, अगले सप्ताह फिर होगा सक्रिय, इन राज्यों में होगी बारिश

Jun 4, 2025, 2:30 PM | Skymet Weather Team
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इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने समय से पहले भारत में दस्तक दी। केरल में जहां सामान्य तौर पर मानसून की शुरुआत 1 जून को होती है, वहां यह 24 मई 2025 को ही पहुंच गया। इसके बाद मानसून ने तेजी से आगे बढ़ते हुए 48 घंटे में देश के लगभग 40% हिस्से को कवर कर लिया। हालांकि, अब इसकी गति रुक सी गई है। 26 मई से मुंबई, और 29 मई से सिक्किम व उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक ही इसकी सीमा (Northern Limit of Monsoon - NLM) स्थिर बनी हुई है। अगले एक हफ्ते तक कोई बड़ी प्रगति की संभावना नहीं है।

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शुरुआती बारिश के बाद सूखा पड़ा दक्षिण भारत

दक्षिण प्रायद्वीप में मानसून की जल्दी आना और पहले से हुई पर्याप्त प्री-मानसून वर्षा ने 1 मार्च से 31 मई 2025 के बीच सभी उप-क्षेत्रों में सामान्य से काफी अधिक वर्षा दर्ज की। लेकिन मानसून की शुरुआती एंट्री के बाद इलाके में बारिश लगभग बंद हो गई है। पिछले 4 दिनों से रोजाना 50% से अधिक की बारिश की कमी दर्ज हो रही है। सिर्फ केरल को थोड़ी राहत मिली है, जहां उत्तर से दक्षिण तक मध्यम वर्षा होती रही है। हालांकि, वहां भी अगले 5-6 दिनों में बारिश में कमी आने की संभावना है। इससे कुल वर्षा में और गिरावट हो सकती है।

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पश्चिमी तट पर कमजोर मानसून की स्थिति

मानसून आने के बाद आमतौर पर जो मजबूत पश्चिमी हवाओं (westerly stream) का दबाव होता है, वह इस बार केरल से लेकर कोंकण तक के पश्चिमी तट पर दिखाई नहीं दे रहा। इसके विपरीत, वहां उत्तर-पश्चिमी हवाएं समुद्र तट के समानांतर चल रही हैं, जो मानसून की शुरुआती बारिश के लिए अनुकूल नहीं होतीं। परिणामस्वरूप, अगले 7-8 दिनों तक पूरे क्षेत्र में कमजोर मानसूनी गतिविधियाँ बनी रहेंगी। मानसून दोबारा एक्टिव (revival) अगले सप्ताह के मध्य के बाद हो सकता है।

बंगाल की खाड़ी से आएगा नया सिस्टम

एक मानसूनी सिस्टम अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी में विकसित हो सकता है। इसका प्रारंभिक चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) 10 जून को पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है। इसके संगठित होने में 48 घंटे और लगेंगे। इसके प्रभाव से 11 जून से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय हिस्सों में वर्षा गतिविधि शुरू हो सकती है। यह सिस्टम अपने सामान्य ट्रैक से थोड़ा दक्षिण की ओर जाकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र को प्रभावित करेगा। मानसून के फिर से एक्टिव होने की संभावना 12 जून से 17 जून 2025 के बीच बन सकती है। हालांकि, 4-5 दिन बाद की मौसम भविष्यवाणी की सटीकता घट जाती है, इसलिए इस सिस्टम पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर अपडेट किया जाएगा

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