उत्तराखंड-हिमाचल में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, पर्यटकों के लिए अलर्ट जारी, घूमने जाने से पहले पढ़ें ये चेतावनी

By: skymet team | Edited By: skymet team
Jul 11, 2025, 2:45 PM
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पहाड़ों पर भारी बारिश का अलर्ट

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश इन दोनों ही पहाड़ी राज्यों में इस साल मानसून की बारिश अधिक (surplus) हुई है। बीते सप्ताह हिमाचल प्रदेश में मौसम ने रौद्र रूप दिखाया और हालात काफी बिगड़ गए। अब एक बार फिर मानसून ट्रफ और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से इन दोनों राज्यों में भारी बारिश का नया दौर शुरू होने जा रहा है, जो अगले सप्ताह के मध्य तक चलेगा। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और मौसम की चेतावनियों पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।

मानसून ट्रफ और पश्चिमी विक्षोभ की संयुक्त भूमिका

इस समय मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर स्थित है, जो उत्तराखंड और हिमाचल की तराई क्षेत्रों के नजदीक बना हुआ है। साथ ही एक पश्चिमी विक्षोभ ऊपरी वायुमंडल में सक्रिय है, जो उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों की ओर बढ़ रहा है। इन दोनों मौसमी प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से 12 से 16 जुलाई के बीच इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना है। जिसमें 13 और 14 जुलाई को सबसे तेज बारिश होने की आशंका है।

झारखंड-छत्तीसगढ़ से उठी परिसंचरण प्रणाली का असर

झारखंड और छत्तीसगढ़ पर बने पुराने निम्न दबाव क्षेत्र (low pressure area) के अवशेष अब पश्चिम की ओर बढ़ते हुए पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान की ओर जा रहे हैं। इससे हवाओं के पैटर्न में बदलाव होगा, जिससे मानसून ट्रफ धीरे-धीरे दक्षिण की ओर खिसकने लगेगा। पहले इस ट्रफ की बार-बार स्थान बदलने वाली स्थिति और बाद में इसका दक्षिण की ओर झुकाव, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मौसम को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। जिसमें उत्तराखंड में सबसे ज्यादा खतरा बन सकता है।

भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ा

पिछले कुछ समय से लगातार और भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की भूमी पूरी तरह से गीली और संतृप्त हो चुकी है। नदियां, झीलें, डैम और जलाशय पहले से ही अपनी अधिकतम क्षमता पर हैं। ऐसे में थोड़ी सी अतिरिक्त बारिश भी भारी नुकसान पहुँचा सकती है। इन क्षेत्रों की भू-आकृति (terrain) पहले से ही कठिन और असंतुलित है, जिससे अचानक बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाएं आसानी से उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे हालात में अत्यधिक सतर्कता बरतना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है