पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के अधिकांश हिस्सों से शीत दिवस और शीत लहर की स्थिति लगभग समाप्त हो गई है। फिर भी हरियाणा के छोटे और अलग-थलग इलाकों में ठंडे दिन की स्थिति अभी भी बनी हुई है। मुद्दा यह है कि हिसार जैसी जगह पर दिन का तापमान 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 7 डिग्री सेल्सियस कम है और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है। इसलिए यहां ठंडे दिन की स्थिति देखी जाती है। क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में पारा का स्तर औसत अधिकतम और न्यूनतम के अंतर के भीतर दर्ज किया गया है। किसी भी स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज नहीं हुआ है। अधिकांश स्टेशनों पर दिन का तापमान उच्च या निम्न स्तर पर भी मापा गया है।
बता दें, पश्चिमी विक्षोभ का एक निशान इस सप्ताह में उत्तरी पहाड़ों पर अस्थायी रूप से आगे बढ़ रहा है, जिससे उत्तर भारत के बड़े हिस्से में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। बारिश का दौर पहले ही शुरू हो चुका है, जो 05 फरवरी तक जारी रहेगा। पहाड़ियों पर 02 फरवरी को मौसम की गतिविधियों में थोड़ी कमी आएगी, लेकिन बारिश का दौर जारी रहेगा। इसके अलावा 05 फरवरी को पर्वत श्रृंखलाओं पर ही कुछ प्रभाव दिखाई देगा। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 31 जनवरी और 01 फरवरी को काफी तेज मौसम गतिविधि का व्यापक प्रसार होगा। जिससे 02 फरवरी को थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन, बारिश का दोबार शुरू होगा जो 04 फरवरी तक चलेगा। वहीं, मैदानी इलाकों में 5 फरवरी को और पहाड़ियों पर अगले 24 घंटों के बाद मौसमी प्रणाली (बारिश, बादल और बर्फबारी) का असर खत्म होने की उम्मीद है।
इस अशांत मौसम पैटर्न से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश के मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं चलेंगी। पूरी पर्वत श्रृंखलाओं पर बर्फ की चादर बिछने की संभावना है। इन प्रणालियों के कारण मैदानी इलाकों में हवा की गति आम तौर पर तेज हो जाएगी। बर्फीले पहाड़ों की ढलानों से नीचे की ओर तेज़ हवाएँ विशाल घास के मैदानों और खेतों से निकलकर मैदानी क्षेत्रों में ठंड की स्थिति पैदा करेंगी। सर्दी बढ़ने के कारण कई हिस्सों में शीतलहर की स्थिति फिर से शुरू हो जाएगी। 06 फरवरी से मैदानी इलाकों में लंबे समय तक साफ मौसम रहेगा, जिससे कोहरे और ठंड की वापसी होगी और इससे क्षेत्र में ठंड बढ़ जाएगी।
फोटो क्रेडिट: पीटीआई