अरब सागर में बनेगा लो प्रेशर एरिया, दक्षिण भारत में रफ्तार पकड़ेगा उत्तर-पूर्व मानसून, केरल-तमिलनाडु में तेज बारिश

By: skymet team | Edited By: skymet team
Oct 16, 2025, 2:00 PM
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अरब सागर में बनेगा लो प्रेशर एरिया

दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे कोमोरिन क्षेत्र, जो भूमध्य रेखीय हिंद महासागर के पास स्थित है, के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बना हुआ है। इस परिसंचरण के केंद्र से होते हुए पश्चिमी श्रीलंका तट से लेकर लक्षद्वीप तक एक पूर्व-पश्चिम दिशा में फैला ट्रफ (Trough) सक्रिय है। इसके प्रभाव से अगले 48 घंटों में दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने की संभावना है।

मध्य क्षोभमंडलीय स्तर तक फैला चक्रवातीय क्षेत्र

यह चक्रवाती परिसंचरण वायुमंडल के मध्य क्षोभमंडलीय स्तर (Mid Tropospheric Levels) तक फैला हुआ है। इसके कारण कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप के ऊपर घने बादलों का बड़ा समूह (Cloud Cluster) देखा जा रहा है। ये बादल केरल और तमिलनाडु के तटीय और आंतरिक हिस्सों तक फैले हुए हैं, जिसके चलते इन इलाकों में मध्यम से भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें दर्ज की जा रही हैं।

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सैटेलाइट इमेज, Himawari

झमाझम बारिश, पूर्वोत्तर मानसून ने दी दस्तक

बीते 24 घंटों में कावाली, नेल्लोर, परंगिपेट्टई, पंबन और कन्याकुमारी में मध्यम वर्षा दर्ज की गई, जबकि तूतीकोरिन, पलायनकोट्टई और कोचीन में भारी बारिश हुई। इस बारिश की गतिविधि ने दक्षिणी प्रायद्वीप में उत्तर-पूर्व मानसून (Northeast Monsoon) के आगमन का संकेत दे दिया है। आने वाले सप्ताहांत तक मानसून की सक्रियता और बढ़ेगी।

निम्न दबाव क्षेत्र जल्द बनेगा मजबूत, बारिश का दायरा बढ़ेगा

बनने वाला यह निम्न दबाव क्षेत्र जल्द ही स्पष्ट रूप से चिह्नित (Well Marked) हो जाएगा। इसके प्रभाव से उत्तर-पूर्व मानसून के सभी उप-क्षेत्रों तमिलनाडु, केरल, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में छिटपुट से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी।

20 अक्टूबर तक बन सकता है डिप्रेशन, तूफान की संभावना

यह सिस्टम 20 अक्टूबर तक दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर डिप्रेशन (Depression) में तब्दील हो सकता है। मौसमी परिस्थितियाँ इसके और तीव्र होने (Intensification) के लिए अनुकूल बनी हुई हैं। संभावना है कि अगले सप्ताह के पहले हिस्से में एक चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) भी विकसित हो सकता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि यह तूफान भारत के तटीय क्षेत्रों के लिए कोई खतरा नहीं बनेगा। मौसम मॉडल्स के अनुसार, यदि यह तूफान बनता है तो वह सोमाली तट (Somali Coast) और अदन की खाड़ी (Gulf of Aden) की दिशा में बढ़ेगा। तूफान की सटीक जानकारी निम्न दबाव क्षेत्र के बनने के बाद साझा की जाएगी।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है