[Hindi] भारी बर्फबारी के बाद हिमाचल में हिमस्खलन;70 से ज़्यादा पर्यटक फंसे, फिर से बर्फबारी की चेतावनी

February 24, 2019 7:55 PM|

Avalanche In Himachal--OutlookIndia 600पहाड़ों पर भारी बर्फबारी हर साल हजारों लोगों के लिए बड़ी चुनौती बनकर आती है। इसकी चपेट में पर्यटकों और स्थानीय लोगों के अलावा सीमाओं की सुरक्षा में तैनात सैनिक भी आते हैं। पिछले दिनों की तूफानी बर्फबारी के दौरान हिमाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर सेना के पाँच जवान लापता हुए थे। इस बीच ताज़ा ख़बर आई है कि हिमाचल में ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 5 पर 3 विदेशियों सहित 70 पर्यटक फँसे हुए हैं।

स्काइमेट ने 18 से 22 फरवरी के बीच भारी बफबारी और उसके बाद हिमस्खलन की चेतावनी पहले ही जारी की थी। बारिश और बर्फबारी के साथ आए बर्फ़ीले तूफान के कारण कुल्लू, स्पीति, कुलगाम, पहलगाम सहित कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई रास्ते बंद हो गए हैं। अनेक छोटे-बड़े मार्गों पर इकठ्ठा बर्फ को हटाने कोशिशें जारी हैं ताकि बंद रस्तों पर आवागमन सुचारु किया जा सके। कई जगहों पर भूस्खलन और हिमस्खलन अभी भी देखने को मिल रहा है। इसके कारण हिमाचल प्रदेश में कुल्लू-मनाली हाइवे भी बंद हो गया है।

पिछले दिनों भारत-चीन सीमा पर स्थित शिपकी-ला-सीमा चौकी के पास भारी हिमस्खलन हुआ था जिसमें सेना के पांच जवान फँस गए थे। इन जवानों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। हवलदार राकेश कुमार नाम के सिर्फ एक जवान का पार्थिव शरीर घटना के दिन ही घटनास्थल पर खोजी दस्ते को मिला था।

ख़बर है कि लापता जवानों को खोजने के काम में सेना के 220 जवान और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 30 जवान लगाए गए हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक जवानों को खोजने के काम में प्रशिक्षित कुत्तों और चट्टानों में छेद करने वाली मशीनों की भी मदद ली जा रही है।

25 फरवरी से फिर पड़ेगी मौसम की मार

इस बीच एक बार फिर से उत्तर भारत के पहाड़ों पर मौसम करवट लेने वाला है। अनुमान है कि 25 फरवरी को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पास आएगा। इसके चलते जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का नया दौर शुरू होगा। 26 और 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर भारी बर्फबारी होने की भी आशंका है।

बर्फबारी के बाद हिमस्खलन और भूस्खलन की नई शृंखला शुरू हो सकती है जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। सेना को भी इस आसमानी आफ़त से पहले सतर्क होने की ज़रूरत है, ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

Image credit: Outlook India

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