उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में मॉनसून आने में कुछ ही समय शेष हैं। इससे पहले कई मैदानी राज्यों में अच्छी बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तरी पंजाब और हरियाणा के उत्तरी हिस्सों में कुछ स्थानों पर अगले 24 से 48 घंटों तक भारी बारिश हो सकती है। उसके पश्चात भी इन भागों में रुक-रुक कर मॉनसून के पहले की बारिश जारी रहने के आसार हैं।
इस समय उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अलावा पंजाब से पूर्वोत्तर राज्यों तक एक ट्रफ रेखा पहुँच रही रही है। इन मौसमी सिस्टमों के चलते उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में नम हवाओं का प्रवाह निरंतर बना हुआ है। इन्हीं हवाओं के चलते मौसम ने करवट ली है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि उत्तर भारत के मैदानी राज्यों विशेषकर पंजाब के उत्तरी जिलों और उत्तरी हरियाणा के कुछ भागों में अच्छी वर्षा दर्ज की जा सकती है। उत्तरी राजस्थान में भी कुछ स्थानों पर गरज के साथ वर्षा अगले 24 से 48 घंटों के दौरान जारी रह सकती है।
बंगाल की खाड़ी से पूर्वी नम हवाएँ लगातार बनी हुई हैं और यही वजह है कि बीते 2 दिनों से उत्तर भारत में बादल छाए हुए हैं और कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई है। शनिवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान अमृतसर में 21 मिलीमीटर, कपूरथला में 25 मिलीमीटर दर्ज की गई। लुधियाना और पठानकोट में हल्की बारिश हुई। इसी दौरान राजस्थान के श्रीगंगानगर में 35 मिलीमीटर, पिलानी और चुरू में 2 मिलीमीटर जबकि सीकर में 6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। हरियाणा के हिसार में 25 मिलीमीटर की अच्छी वर्षा हुई है।
इन सभी भागों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान मौसमी परिदृश्य ऐसा ही बना रहेगा। उत्तरी पंजाब के क्षेत्रों और उत्तरी हरियाणा में भारी वर्षा हो सकती है। जबकि जयपुर सहित राजस्थान के उत्तरवर्ती इलाकों में कुछ स्थानों पर मॉनसून से पहले की बारिश होने के आसार हैं। बारिश के चलते उत्तर भारत के इन राज्यों में तापमान नीचे आया है। फिलहाल तापमान में विशेष बदलाव नहीं होगा। सामान्य से नीच चल रहे तापमान से गर्मी से राहत बनी रहेगी लेकिन अधिक आर्द्रता मौसम को सुहावना होने में बाधा बनेगी क्योंकि उमस का प्रभाव अब बढ़ गया है। उमस में कमी आने की उम्मीद कम है क्योंकि मॉनसून बहुत दूर नहीं।
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