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[Hindi] जयपुर, अलवर, चूरु, गंगानगर समेत राजस्थान के कई जिलों में प्री-मॉनसून से पहले वर्षा के आसार

February 27, 2020 12:02 PM |

इस साल राजस्थान में फरवरी महीने में बहुत कम वर्षा हुई है। हालांकि जनवरी का महीना राजस्थान के कई इलाकों के लिए काफी अच्छा रहा, क्योंकि साल 2020 के पहले महीने में रेगिस्तानी राज्य में कई जगहों पर सामान्य से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। फरवरी में छिटपुट जगहों पर ही बारिश हुई है।

इस बीच राज्य में मौसम बदलने वाला है। एक पश्चिमी विक्षोभ आज यानी 27 फरवरी को उत्तर भारत के पहाड़ों पर पहुंचेगा और इसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान तथा इससे सटे राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा। इन दोनों सिस्टम के कारण उत्तर भारत में पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक मौसम में बदलाव आने की संभावना है।

बारिश का यह दौर राजस्थान में दो दिनों का होगा, जिसमें 28 फरवरी की शाम या रात से राजस्थान के उत्तरी इलाकों में गरज के साथ हल्की वर्षा शुरू हो सकती है। बारिश की गतिविधियां 29 फरवरी और को भी जारी रहने की संभावना है। इस दौरान बारिश मुख्यतः जयपुर, अलवर, भरतपुर, झुंझुनू, श्रीगंगानगर और चूरु जैसे उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी जिलों में ही होने की संभावना है। 1 मार्च से मौसमी सिस्टम कमजोर हो जाएंगे।

बारिश का एक अन्य स्पेल 4 मार्च को आ सकता है, जब 6 मार्च तक राज्य के इन्हीं उत्तरी इलाकों में फिर से बारिश देखने को मिलेगी। इन दोनों मौकों पर राज्य के दक्षिणी भागों में मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क ही बने रहने की संभावना है। कोटा, सवाई माधोपुर, उदयपुर सहित आसपास के हिस्सों में जल्द बारिश की उम्मीद नहीं है।

पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 72% कम वर्षा हुई है

1 जनवरी 2020 से 27 फरवरी 2020 तक राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से 8% कम 7.2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है जबकि पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 72 फ़ीसदी कम महज़ 2.7 मिलीमीटर वर्षा हुई है। आने वाले दिनों में बारिश की संभावना को देखते हुए यह कह सकते हैं कि बारिश में जो कमी है उसमें सुधार होगा।

1 मार्च से शुरू होता है प्री-मॉनसून

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 1 मार्च से देश में प्री-मॉनसून सीजन शुरू हो जाता है, जब देश के कई इलाकों में आंधी चलने, बादलों की गर्जना होने, बिजली चमकने और गरज के साथ वर्षा होने तथा ओलावृष्टि होने की संभावनाएं बनती हैं।  प्री-मॉनसून गतिविधियां अप्रैल और मई में बढ़ जाती हैं।

Image credit: TourMy India

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