उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में फरवरी में उम्मीद से कम बारिश और बर्फबारी हुई है। इससे पहले जनवरी में पहाड़ों पर जमकर हिमपात देखने को मिला था। फिलहाल अधिकांश जगहों पर मौसम शुष्क है।
स्काईमेट का आकलन है कि आने वाले दिनों में 2 पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत का रुख करने वाले हैं आगामी सप्ताह में इन सिस्टमों के कारण पहाड़ों पर अच्छी बारिश और बर्फबारी देखने को मिल सकती है।
अनुमान है कि एक पश्चिमी विक्षोभ 18 फरवरी की शाम से जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों को प्रभावित करना शुरू करेगा। हालांकि यह सिस्टम भी बहुत अधिक सक्रिय नहीं होगा जिससे पहाड़ों पर ज्यादा हिमपात या वर्षा की उम्मीद नहीं है। लेकिन कश्मीर, हिमाचल और लद्दाख में 18 और 19 फरवरी को रुक-रुक कर हल्की वर्षा या बर्फबारी दिखने को मिल सकती है।
एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ 20 फरवरी की शाम से उत्तर भारत में दस्तक देगा। यह सिस्टम काफी प्रभावी होगा और उत्तर भारत में पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक मौसम को बदल सकता है। माना जा रहा है कि 20-21 से जो बदलाव शुरू होगा वह 24 फरवरी तक जारी रहेगा। उस दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के तमाम इलाकों में भारी बर्फबारी और बारिश दर्ज की जाएगी।
गतिविधियां 22 और 23 फरवरी को चरम पर होंगी। पहाड़ों पर कुछ इलाकों में हिमस्खलन और भूस्खलन की भी आशंका है। कुछ रास्ते भी बंद हो सकते हैं। सैलानियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए स्काइमेट का सुझाव है कि रोमांच में एहतियात बरतना ना भूलें।
मैदानी इलाकों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी कुछ स्थानों पर गरज के साथ वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। इन भागों 21 फरवरी से मौसम में बदलाव आएगा और 22 व 23 फरवरी को कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश इन भागों में देखने को मिल सकती है। हालांकि पंजाब और हरियाणा के उत्तरी क्षेत्रों में ही मुख्य रूप से वर्षा या ओलावृष्टि की संभावना है। इसी दौरान उत्तर प्रदेश के मध्य और तराई क्षेत्रों में बारिश होने का अनुमान है।
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