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[Hindi] अरब सागर में मौसमी सिस्टम कमजोर होकर निम्न दबाव बना, जल्द ही हो जाएगा निष्प्रभावी

March 16, 2018 8:00 AM |

Depression in Arabian Sea to persist; heavy rain in Lakshadweep, Kerala, Tamil Nadu

Updated on March 16, 2018 11:00 AM (IST): अरब सागर में मौसमी सिस्टम कमजोर होकर निम्न दबाव बना, जल्द ही हो जाएगा निष्प्रभावी

लक्षद्वीप और इससे सटे दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर होकर निम्न दबाव बन गया है। इस समय यह लक्षद्वीप और इससे सटे दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में केरल तथा कर्नाटक के तटों के करीब दिखाई दे रहा है।

यह सिस्टम अगले 24 घंटों के दौरान और कमजोर होगा तथा समुद्र में ही निष्प्रभावी हो जाएगा। एक तरफ यह कमजोर हो रहा है लेकिन दूसरी ओर इसके प्रभाव से अभी भी लक्षद्वीप और केरल तथा कर्नाटक के तटीय भागों में वर्षा जारी रहने की संभावना है। [yuzo_related] अगले 24 घंटों के दौरान तटीय महाराष्ट्र के भी कुछ इलाकों में हल्की वर्षा होने के आसार हैं। अरब सागर में इस सिस्टम के निष्प्रभावी होने के साथ आगामी 24 घंटों के बाद पश्चिमी तटीय क्षेत्रों से बादल हट जाएंगे और मौसम शुष्क हो जाएगा। Updated on March 15, 2018 11:25 AM (IST): अरब सागर में डिप्रेशन कमजोर होकर बना गहरा निम्न दबाव, जल्द ही होगा निष्क्रिय जैसा कि अनुमान लगाया गया था, अरब सागर के दक्षिण-पूर्व में बना डिप्रेशन कमजोर होकर गहरे निम्न दबाव में तब्दील हो गया है। यह इस समय लक्षद्वीप और इससे सटे दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर है। यह सिस्टम उत्तर तथा उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है और आगे भी इसी दिशा में अग्रसर होगा। लेकिन आने वाले समय में इसके प्रभावी नहीं बल्कि कमजोर होने की संभावना है और अगले 24 घंटों में यह अरब सागर के मध्य-पूर्व में पहुँचते-पहुँचते कमजोर निष्प्रभावी हो जाएगा।स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार समुद्री सफर पर होने के बावजूद यह प्रभावी नहीं बल्कि कमजोर इसलिए होगा क्योंकि जिस क्षेत्र में यह है वहाँ समुद्र की सतह का तापमान कम है। समुद्र में बने सिस्टमों के सशक्त होने के लिए समुद्र की सतह का तापमान 26 डिग्री से ऊपर होना चाहिए। अपनी समुद्री यात्रा के चलते अगले कुछ समय के लिए इसकी क्षमता बनी रहेगी। उसके बाद कमजोर हो जाएगा।

इसके चलते घने बादल समुद्री क्षेत्र पर ही बने रहेंगे। जबकि भारत के तटीय भागों पर मध्यम क्षमता वाले बादल देखे जाएंगे। पश्चिमी तटों पर कई स्थानों पर मध्यम बौछारें दर्ज की गई हैं। सिस्टम के कमजोर होने की संभावना को देखते हुए पश्चिमी तटीय भागों से बादल धीरे-धीरे कम हो जाएंगे। हालांकि अगले 24 घंटों तक तटीय कर्नाटक और कोंकण गोवा क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। मुंबई में भी हल्की वर्षा हो सकती है।

Updated मार्च 14, 2018 10:40 AM (IST): अरब सागर में सक्रिय डिप्रेशन, केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में भारी वर्षा के आसार

अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी भागों में बना डिप्रेशन पिछले 6 घंटों के दौरान 8 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ा है। भारतीय समय के अनुसार आज सुबह 5 बजे यह सिस्टम अरब सागर के दक्षिण-पूर्व में मिनीकॉय से 200 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था। जबकि केरल के तिरुवनंतपुरम से दक्षिण-पश्चिम में 310 किलोमीटर दूर केन्द्रित था। अब अनुमान है कि यह डिप्रेशन उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 घंटों के बाद यह डीप डिप्रेशन बन सकता है। डीप डिप्रेशन बनने के बाद यह कमज़ोर होना शुरू करेगा और अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी तथा इससे सटे मध्य पूर्वी अरब सागर की ओर बढ़ेगा।

इसके प्रभाव से अगले 24 से 36 घंटों के दौरान लक्षद्वीप और केरल के कुछ भागों में भारी वर्षा होने की संभावना है। इन भागों में पहले से ही बारिश शुरू हो गई है। इसके अलावा तमिलनाडु और पुद्दुचेरी में भी अच्छी बारिश हो सकती है। कर्नाटक में कुछ स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान है। इसके अलावा कोमोरिन क्षेत्र के साथ-साथ दक्षिणी तमिलनाडु और केरल के तटीय भागों में 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से हवाएँ चलने की संभावना है। कोमोरिन और मालदीव तथा इससे सटे दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में हलचल काफी अधिक होगी इसलिए इन भागों में समुद्र में होने वाली गतिविधियां अगले 24 से 36 घंटों के लिए टाल देनी चाहिए।

Updated on March 13, 2018 1:30 PM (IST) : अरब सागर में बना डिप्रेशन, अगले 48 घंटों में ले सकता है डीप डिप्रेशन का रूप

हिन्द महासागर में भूमध्य रेखा के पास बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए अरब सागर में पहुँच गया है और आज दोपहर के पहले ही सशक्त होते हुए डिप्रेशन बन गया। इसकी क्षमता और मौसमी परिदृश्य के इसके अनुकूल होने के चलते अनुमान है कि अगले 48 घंटों में और प्रभावी होते हुए डिप्रेशन बन जाएगा। इस समय यह सिस्टम मिनीकॉय से 485 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में और त्रिवेन्द्रम से 395 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में है। मालदीव की राजधानी माले से 290 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व तक पहुँच गया है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह देश के पश्चिमी तटों के समानान्तर उत्तर की दिशा में चलेगा। हालांकि पश्चिमी तटों से इसकी दूरी काफी अधिक है जिससे भारतीय क्षेत्रों को व्यापक रूप में प्रभावित करने वाला नहीं है। हालांकि इसकी लंबी समुद्री यात्रा के चलते इस बात की पूरी संभावना है कि अगले 48 घंटों में यह डीप डिप्रेशन बन सकता है। हालांकि हमें इसकी स्थिति पर नज़र बनाकर रखनी होगी। इसके प्रभाव से अगले 2-3 दिनों तक दक्षिणी प्रायद्वीप में वर्षा होने के आसार हैं। संभावित वर्षा का अनुमान नीचे जीआईएफ़ मैप में दर्शाया गया है।

Expected rainfall स्काइमेट के अनुमान के अनुसार कोमोरिन क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ। यह सिस्टम अब गहरे निम्न दबाव के रूप में तब्दील हो गया है। इसकी वर्तमान स्थिति की बात करें तो यह इस समय हिन्द महासागर में भूमध्य रेखा के पास तथा इससे सटे कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिणी श्रीलंका और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर सशक्त होत दिखाई दे रहा है। मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि मौसमी सिस्टम पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी दिशा में जाएगा और अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र पर पहुंचेगा। अनुकूल परिस्थितियों के चलते अनुमान है कि अगले 48 घंटों में यह अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी भागों पर ही और प्रभावी होते हुए डिप्रेशन बन जाएगा।

हिन्द महासागर में उभर रहे इस सिस्टम की आगे की अनुमानित दिशा और प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के बारे में नीचे दिए चित्र में देख सकते हैं।

Expected track of depression

हालांकि डिप्रेशन के बाद इसके और प्रभावी होने के संकेत फिलहाल नहीं मिल रहे हैं। स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जिस जगह पर यह सिस्टम विकसित हो रहा है, वहाँ की भौगोलिक बनावट के चलते आमतौर पर अधिक संख्या में मौसमी सिस्टम नहीं उभरते और अगर कोई सिस्टम विकसित होता भी है तो वह डिप्रेशन से अधिक प्रभावी नहीं होता है। यहाँ विकसित होने वाले सिस्टमों की दिशा आमतौर पर पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी ही रहती है।

फिलहाल यह सिस्टम जिस रास्ते से होकर गुजारेगा उन स्थानों पर अच्छी बारिश हो सकती है। अनुमान है कि इसके प्रभाव से कोमोरिन क्षेत्र के करीब दक्षिणी तटीय तमिलनाडु और अरब सागर से सटे दक्षिणी केरल में अगले 48 घंटों के दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएँ चलेंगी। हवाएँ कभी-कभी 60 किलोमीटर प्रतिघण्टे तक की गति भी पकड़ सकती हैं। लक्षद्वीप में यह स्थिति अगले 72 घंटों तक संभावित है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अरब सागर में पहुँचने के बाद यह सिस्टम उत्तर-पश्चिमी दिशा में जाएगा और पश्चिमी तटों के साथ-साथ आगे बढ़ेगा। हालांकि इससे काफी दूर होगा जिससे पश्चिमी तटों पर बहुत अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। इसके चलते कोमोरिन क्षेत्र और श्रीलंका में आने वाले दिनों में कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जाएगी।

इसके अलावा भारतीय क्षेत्रों की बात करें तो यहाँ दक्षिणी और आंतरिक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और कोंकण-गोवा क्षेत्र में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती। बंगलुरु, चेन्नई, कोच्ची, मुंबई और हैदराबाद में भी अगले कुछ दिनों के दौरान अच्छी प्री-मॉनसून वर्षा होने की संभावना है।

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 






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