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[Hindi] पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में काल-बैसाखी शुरू, बिहार व झारखंड समेत पूर्वोत्तर राज्यों में अगले कुछ दिन मौसम का दिखेगा उग्र रूप

April 21, 2020 12:35 PM |

पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के भागों में काल बैसाखी की घटनाएँ शुरू हो गई हैं। गंगीय पश्चिम बंगाल, पूर्वी झारखंड और उत्तरी ओडिशा में कई जगहों पर तेज गर्जना और बिजली गिरने की घटनाओं के साथ बारिश हुई है। इन भागों में तेज़ हवाएं भी चलनी शुरू हो गई हैं।

पिछले 24 घंटों के दौरान इन सभी भागों में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई। वर्धमान में 49 मिलीमीटर की मूसलाधार वर्षा हुई है। बांकुरा में 42 मिलीमीटर, जमशेदपुर में 31 मिलीमीटर, सिलीगुड़ी में 19 मिलीमीटर जबकि डायमंड हार्बर और मिदनापुर में 13 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी कई जगहों पर बारिश जारी है और आने वाले दिनों में भी इन सभी क्षेत्रों में तेज़ बारिश देखने को मिलेगी।

मौसम का उग्र रूप रहेगा जारी

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र असम पर बना हुआ है। यह सिस्टम काफी स्ट्रॉंग है जिसके चलते बंगाल की खाड़ी से पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों पर पर्याप्त आर्द्र हवाएं आ रही हैं। अगले कई दिनों तक यह सिस्टम इसी तरह सक्रिय रहेगा। यानि देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में अभी गतिविधियां जारी रहने वाली हैं।

हमारा अनुमान है कि पूर्वोत्तर राज्यों में अगले चार-पांच दिनों के दौरान गरज के साथ प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी। गंगीय पश्चिम बंगाल में भी कम से कम अगले दो-तीन दिनों के दौरान मौसम का उग्र रूप देखने को मिल सकता है। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वी बिहार, झारखंड के पूर्वी भागों और उत्तरी तथा तटीय ओडिशा में भी अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना बनी हुई है।

अप्रैल और मई में उग्र हो जाता है मौसम

आपको बता दें कि प्री-मॉनसून सीजन के महीनों में अप्रैल और मई पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के लिए कभी-कभी काल बन जाते हैं। इसीलिए जिस तरह का मौसम इस समय देखने को मिल रहा है उसे कालबैसाखी या नॉर्वेस्टर भी कहते हैं। इस दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में कई स्थानों पर मूसलाधार वर्षा तूफानी हवाएं चलने, बिजली गिरने की घटनाएं होने, ओले गिरने की संभावनाएं रहती हैं।

काल बैसाखी में हवाओं की रफ्तार कई बार 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक चली जाती है। जिससे व्यापक रूप में जान और माल की हानि होती है। वर्तमान मौसम को देखते हुए पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में लोगों के लिए स्काईमेट का सुझाव है कि आप घरों के भीतर रहे। ऐसे भवनों या निर्माण स्थलों से दूर रहें जो कमजोर हों। अपने मवेशियों का भी ध्यान रखें ताकि इस मौसम के चलते आपको नुकसान ना पहुंचे।

Image credit: Accuweather

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