
देश भर पर बने मॉनसूनी सिस्टम
मॉनसून की अक्षीय रेखा का पश्चिमी सिरा हिमालय के तराई क्षेत्रों पर है। पूरब में यह बरेली, अयोध्या, पटना, भागलपुर और मालदा होते हुए असम तथा नागालैंड पर है।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम पर भी एक चक्रवाती सिस्टम दिखाई दे रहा है। बिहार से झारखंड होते हुए ओडिशा तक एक ट्रफ रेखा बनी है।
तेलंगाना और इससे सटे भागों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। तमिलनाडु के तटीय भागों के पास दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
बंगाल की खाड़ी पर सितंबर महीने का दूसरा प्रभावी मौसमी सिस्टम निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में अगले 24 घंटों में विकसित हो सकता है।
पिछले 24 घंटों में कैसा रहा मॉनसून का प्रदर्शन
बीते 24 घंटों के दौरान तटीय कर्नाटक, रायलसीमा और तटीय तमिलनाडु के उत्तरी हिस्सों में भारी बारिश हुई।
अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, बिहार के पूर्वी हिस्सों, असम और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी दर्ज की गई है।
केरल, महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, झारखंड , मध्य प्रदेश, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, लक्षद्वीप और दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
गुजरात के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। शेष पूर्वोत्तर भारत और उत्तराखंड में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा देखने को मिली है।
In English: Monsoon 2020: Southwest Monsoon forecast for September 20
अगले 24 घंटों के दौरान संभावित मॉनसून का प्रदर्शन
अगले 24 घंटों के दौरान तटीय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी बारिश होने की उम्मीद है।
तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
महाराष्ट्र के शेष हिस्सों, दक्षिणी मध्य प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं।
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