उत्तर भारत में गरज के साथ प्री-मानसून बौछारें, जानें किन राज्यों में होगी भारी बारिश और ओलावृष्टि

By: skymet team | Edited By: skymet team
Apr 8, 2025, 8:30 PM
WhatsApp icon
thumbnail image

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी ने तेज़ी पकड़ ली है। राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में मध्यम से लेकर तीव्र लू की स्थिति बनी हुई है। हरियाणा के रोहतक, हिसार, सिरसा और नारनौल जैसे स्थानों पर दिन का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। पंजाब के अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में भी पारा 38 से 39 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया। बठिंडा ने 41.9°C के साथ पंजाब में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया।

प्री-मानसून गतिविधियों के संकेत

उत्तर भारत में बढ़ती गर्मी और तापमान में लगातार बढ़ोतरी प्री-मानसून गतिविधियों की ओर इशारा कर रही है। इन हालातों के बीच एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों पर सक्रिय हो चुका है। इसके साथ ही 9 अप्रैल को उत्तर पंजाब और राजस्थान के सीमा क्षेत्रों पर एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण (induced cyclonic circulation) बनने की संभावना है। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से 9 से 12 अप्रैल के बीच उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश देखने को मिलेगी। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है।

कब और कहां होगा असर

9 अप्रैल से पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों एवं आसपास के इलाकों में मौसम में बदलाव की शुरुआत होगी। 10 अप्रैल को यह गतिविधि पश्चिम और उत्तर राजस्थान तक फैल जाएगी। 11 अप्रैल को इसका असर अपने चरम पर होगा और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों को एक साथ कवर करेगा। 12 अप्रैल को यह सिस्टम पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से निकल जाएगा लेकिन दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश में बारिश जारी रहेगी।

उत्तर भारत के इन राज्यों में भारी बारिश

11 और 12 अप्रैल को पंजाब के अमृतसर, पठानकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। पंजाब के अमृतसर, पठानकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला मे भी बिजली गर्जन के साथ बारिश होगी। इसके साथ ही हरियाणा के अंबाला, हिसार, रोहतक, सिरसा, करनाल और दिल्ली NCR के दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाज़ियाबाद में बारिश होगी। उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, बुलंदशहर में कई क्षेत्रों में 11 अप्रैल की शाम और रात को ओलावृष्टि की भी आशंका है।

किसानों के लिए सलाह, इस दिन से करें कटाई

उत्तर भारत के कई हिस्सों में रबी की फसलें कटाई के लिए तैयार हैं। इस अचानक आने वाली बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों के लिए जल्दबाज़ी में फसल काटना मुश्किल हो सकता है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस वेट स्पेल (बरसाती दौर) के खत्म होने तक यानी 12 अप्रैल के बाद ही कटाई शुरू करें। हालांकि, 16 अप्रैल को कुछ क्षेत्रों में हल्की वर्षा हो सकती है, लेकिन इसका प्रभाव सीमित और थोड़े समय के लिए रहेगा। 17 अप्रैल से मौसम पूरी तरह साफ होने की उम्मीद है।

author image

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है