मध्य भारत में कड़ाके की ठंड, एमपी–छत्तीसगढ़ शीतलहर की चपेट में, 4 डिग्री से नीचे तापमान

By: AVM GP Sharma | Edited By: Mohini Sharma
Dec 30, 2025, 1:45 PM
WhatsApp icon
thumbnail image

मध्य भारत में शीतलहर का असर, फोटो- AI

मुख्य मौसम बिंदु

  • मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भीषण शीतलहर का असर
  • कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 4°C से नीचे
  • ठंडी हवाओं से ठंड का दायरा अन्य राज्यों तक फैला
  • 5 जनवरी के बाद ठंड से राहत के संकेत

देश के मध्य हिस्सों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान सिंगल डिजिट में दर्ज किया जा रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है, जहां कई जगह तापमान बेहद कम स्तर पर पहुंच गया है। खासतौर पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में ठंड का असर ज्यादा गंभीर है। कई स्थानों पर पारा 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, जिससे भीषण शीतलहर की स्थिति बन गई है।

मौसम प्रणालियों से बढ़ी ठंड की तीव्रता

उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों और आसपास के क्षेत्रों में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बादलों के समूह के रूप में सक्रिय है। वहीं, राजस्थान और आसपास के मध्य प्रदेश पर बना मौसमी प्रतिचक्रवात (एंटी-साइक्लोन) खिसककर दक्षिण और पूर्व की ओर, यानी महाराष्ट्र और तेलंगाना तक पहुंच गया है। इसके चलते उत्तर भारत के मैदानी इलाकों से आने वाली ठंडी हवाएं मध्य भारत तक गहराई से पहुंच रही हैं।

पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमालाएं इन ठंडी हवाओं को और ज्यादा ठंडा बना रही हैं, क्योंकि पहाड़ों की ढलानों से उतरती हवाएं ठिठुरन बढ़ा रही हैं। कई जगह न्यूनतम तापमान 5 डिग्री या उससे भी नीचे चला गया है। सामान्य से 4 डिग्री से अधिक की गिरावट के कारण शीतलहर का दायरा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से आगे बढ़कर झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र और तेलंगाना के कुछ हिस्सों तक फैल गया है।

सबसे ठंडे शहर और रिकॉर्ड कम तापमान

मध्य प्रदेश में जिन स्थानों पर सिंगल डिजिट में तापमान दर्ज किया गया है, उनमें नौगांव (3°C), उमरिया (3.1°C), खजुराहो (4.4°C) शामिल हैं। इसके अलावा मंडला, रीवा, सतना और भोपाल में न्यूनतम तापमान 5°C या उससे कम रहा, जो सामान्य से 4 से 5 डिग्री नीचे है। जिन स्थानों पर तापमान 4 डिग्री या उससे कम रहा, वहां भीषण शीतलहर की स्थिति मानी जाती है। छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर, दुर्ग, पेंड्रा, रायपुर और राजनांदगांव में शीतलहर दर्ज की गई है। इन सभी जगहों पर तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री कम रहा। अंबिकापुर पूरे क्षेत्र में सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 3.5°C दर्ज किया गया। इसी तरह के कम तापमान ओडिशा (फुलबनी, कोरापुट), झारखंड (रांची, डाल्टनगंज, बोकारो), तेलंगाना (आदिलाबाद) और महाराष्ट्र (अहमदनगर) में भी रिकॉर्ड किए गए।

कब मिलेगी ठंड से राहत

आने वाले 3 से 4 दिनों तक मध्य भारत में ठंड का प्रकोप जारी रहने की संभावना है। हालांकि, 4–5 जनवरी 2026 के दौरान उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस के पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ ही मैदानी इलाकों में एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण भी विकसित होगा। इससे हवाओं की दिशा में बदलाव आएगा और उत्तर भारत से आने वाली बेहद ठंडी हवाएं मध्य भारत तक पहुंचना बंद हो जाएंगी। इसके परिणामस्वरूप 5 जनवरी के बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित अधिकांश मध्य भारत में शीतलहर की तीव्रता धीरे-धीरे कम होने लगेगी।

author image
AVM GP Sharma
President of Meteorology & Climate Change
AVM Sharma, President of Meteorology & Climate Change at Skymet Weather Services, is a retired Indian Air Force officer who previously led the Meteorological Branch at Air Headquarters in New Delhi. With over a decade of experience at Skymet, he brings a wealth of knowledge and expertise to the organization.
FAQ

उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं और मौसम प्रणालियों के कारण शीतलहर तेज हो गई है।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ठंड सबसे ज्यादा है, जहां भीषण शीतलहर दर्ज की गई है।

5 जनवरी के बाद तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी और शीतलहर में कमी आने की संभावना है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है