पूर्वी भारत में बदलेगा मौसम, ओडिशा-बंगाल-झारखंड में गरज-चमक के साथ प्री-मानसून बारिश

By: skymet team | Edited By: skymet team
Mar 18, 2025, 4:00 PM
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पूर्वी भारत में प्री-मानसून बारिश, फोटो: AFP

ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भीषण लू (Heatwave) के बाद अब पूर्वी राज्यों में एक बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। इन राज्यो में चार दिन लगातार बारिश होने की संभावना है, बारिश का दौर 20 मार्च से शुरू होकर 23 मार्च 2025 तक चलेगा। शुरुआत में बारिश हल्की और छिटपुट रहेगी। लेकिन 21-22 मार्च को इसका असर बढ़ेगा और छत्तीसगढ़, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा तक बारिश फैल जाएगी। आखिर दिन यानी 23 मार्च को बारिश की तीव्रता फिर से कम हो जाएगी।

हीटवेव से प्रभावित क्षेत्र

इससे पहले ओडिशा के आंतरिक हिस्सों, झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाकों में तापमान 40°C से अधिक पहुंच गया था, जिससे हीटवेव की स्थिति बनी हुई थी। अब आने वाली बारिश के कारण गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी और इन क्षेत्रों में प्री-मानसून गतिविधि शुरू हो सकती है।

मौसम परिवर्तन के कारण

पूर्वी राजस्थान से झारखंड तक एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ (Trough) बनेगी, जिससे निचले वायुमंडल में नमी बढ़ेगी। इस ट्रफ के साथ ही एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के ऊपर विकसित होगा। उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौजूद एंटीसाइक्लोन (Anticyclone), जो ओडिशा के तट के पास स्थित है। वहां से गर्म और नमीयुक्त हवा अंदरूनी हिस्सों में पहुंचेगी। इन दोनों कारकों के संयुक्त प्रभाव से छत्तीसगढ़, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा के बड़े हिस्से में हवाओं के मिलने से एक संवेदी क्षेत्र (Convergence Zone) बनेगा, जो बारिश और गरज-चमक की गतिविधि को प्रेरित करेगा।

कब और कहां होगी बारिश?

20 मार्च से बारिश की शुरुआत छत्तीसगढ़ और झारखंड से होगी। 21-22 मार्च को बारिश और गरज-चमक के साथ आँधी का प्रभाव बढ़ेगा। जिससे गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तर ओडिशा और छत्तीसगढ़ के अंदरूनी और तटीय हिस्सों में व्यापक बारिश होगी। इन दो दिनों में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि (Hailstorm) की भी संभावना है।

बारिश के बाद अप्रैल में बढ़ेगी गर्मी:

वहीं, 23 मार्च को यह मौसम प्रणाली धीरे-धीरे गंगीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से सटे इलाकों तथा उत्तर ओडिशा के तटीय इलाकों तक सिमट जाएगा और बारिश की तीव्रता भी घट जाएगी। 24 मार्च के बाद मौसम पूरी तरह साफ हो जाएगा और मार्च के अंत तक तापमान फिर से तेजी से बढ़ेगा। इस बदलाव के बाद फिर से गर्मी का दौर लौट सकता है, जिससे अप्रैल की शुरुआत में तापमान में तेज़ बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है