Monsoon 2025: पूर्वोत्तर में जल्द थमेगी बरसात, लेकिन बाढ़ से उबरने में लगेगा समय

Jun 2, 2025, 7:00 PM | Skymet Weather Team
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पूर्वोत्तर भारत इन दिनों मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहा है। विशेष रूप से जलग्रहण क्षेत्रों (Catchment Area) में अत्यधिक वर्षा के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बीते गुरुवार और शुक्रवार को असम और मेघालय में लगातार भारी बारिश हुई, जिसने काफी तबाही मचाई। 31 मई को भी असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश जारी रही, हालांकि कुछ राहत के संकेत मिले। अगले 24–36 घंटों तक व्यापक बारिश की संभावना है, जिसके बाद मौसम में धीरे-धीरे सुधार होगा। अधिकतर बारिश देर शाम और रात के समय हो रही है, जबकि सुबह और दोपहर में मौसम शांत रहता है।

बांग्लादेश में बने डिप्रेशन से शुरू हुई बारिश

यह तेज बारिश पिछले सप्ताह बांग्लादेश और आसपास के हिस्सों में बने डिप्रेशन (गहरे दबाव) से शुरू हुई थी। मुख्य प्रणाली तो शुक्रवार तक आगे बढ़ गई थी, लेकिन उसका प्रभाव अब भी बना हुआ है, जो पूर्वोत्तर भारत में आम बात है। मानसून के जल्दी आगमन और डिप्रेशन के प्रभाव ने मिलकर क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी। इस समय मानसून ट्रफ अरुणाचल प्रदेश के तराई क्षेत्रों के पास बना हुआ है, जिससे असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।

कमजोर मानसून के बीच पूर्वोत्तर में बढ़ता खतरा

जब देश के अन्य हिस्सों में मानसून कमजोर हो जाता है, तो पूर्वोत्तर भारत अधिक संवेदनशील हो जाता है और वहां कुछ जगहों पर अत्यधिक बारिश होती है। बंगाल की खाड़ी से गंगीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश होते हुए आने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवाएं जैसे-जैसे धीमी होंगी, मौसम में धीरे-धीरे सुधार देखा जाएगा। हालांकि, यहां की जटिल भौगोलिक स्थिति के कारण नदी प्रणाली पर तुरंत असर नहीं पड़ता और बारिश थमने के बाद भी जलस्तर बढ़ता रहता है। क्षेत्र की 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां उफान पर हैं और लगातार जलस्तर बढ़ा रही हैं, जिससे बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है। हालांकि, अगले कुछ दिनों में राहत और बचाव कार्यों के लिए मौसम अनुकूल हो जाएगा।

10 जून के बाद सुधार की पूरी उम्मीद

अगले 24–36 घंटों में बारिश की तीव्रता कम हो जाएगी और मौसम कम विनाशकारी हो जाएगा। इस अवधि में भी बारिश अधिकतर देर शाम और रात के समय ही होगी। 3 जून से सामान्य हल्की से मध्यम बारिश की स्थिति रहेगी, जो घाटियों तक सीमित होगी। क्षेत्र में पूरी तरह राहत और मौसम की स्थिरता तभी आएगी जब बंगाल की खाड़ी में मानसूनी कम दबाव या डिप्रेशन का निर्माण होगा। यह स्थिति संभवतः 10 जून के आसपास बनेगी और तभी पूरे देश में मानसून की दोबारा सक्रियता भी देखने को मिलेगी।

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