मानसून ने बढ़ाई रफ्तार, एमपी-यूपी में भारी बारिश के आसार, कई जिलों में अलर्ट

Jun 20, 2025, 7:30 PM | Skymet Weather Team
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पिछले 3–4 दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने तेज गति पकड़ी है। अरब सागर की शाखा गुजरात से आगे बढ़कर राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों तक पहुंच गई है। वहीं, बंगाल की खाड़ी की शाखा ने मानसूनी धाराओं को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के पूरे हिस्सों में फैला दिया है, साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों को भी छू लिया है। इस समय पश्चिमी शाखा तय समय से आगे निकल चुकी है, जबकि पूर्वी शाखा निर्धारित समयसीमा तक पहुँच चुकी है।

झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ पर निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय

इस समय झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जो एक स्पष्ट चक्रवाती परिसंचरण से जुड़ा हुआ है। यह प्रणाली अगले 24 घंटों में उत्तर छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के आसपास पहुँचने की संभावना है। इसके बाद यह सिस्टम पश्चिम की ओर बढ़ते हुए दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश में स्थापित होगा। इसके साथ एक पूरब-पश्चिम दिशा की ट्रफ रेखा हरियाणा, दिल्ली, इस चक्रवातीय केंद्र होते हुए बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैलेगी।

20 से 23 जून के बीच उत्तर भारत में मानसून रहेगा सक्रिय

20 से 23 जून के बीच मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मानसून की गतिविधियाँ बहुत सक्रिय रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून की धारा मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, पूरे उत्तर प्रदेश, राजस्थान के और भागों में तेजी से आगे बढ़ेगी और इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक भी दस्तक दे सकती है।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। संवेदनशील स्थानों में प्रयागराज, फैज़ाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, मिर्जापुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा, झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा (यूपी के सभी जिलों का मौसम यहां देखें), ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, जबलपुर, सीधी, दमोह, पन्ना, सतना, छतरपुर और रीवा शामिल हैं।

पूर्वोत्तर राजस्थान और पहाड़ी राज्यों की ओर बढ़ेगी बारिश

पूर्वोत्तर राजस्थान के जिलों जैसे अलवर, धौलपुर, भरतपुर, जयपुर, दौसा और सवाई माधोपुर में भी भारी बारिश की संभावना है। इसके बाद बारिश की यह पट्टी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की तराई क्षेत्रों की ओर खिसक जाएगी, जहाँ मानसून की गतिविधियाँ तेज हो सकती हैं।

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