राजस्थान में मूसलधार बारिश का कहर, पूर्वी हिस्सों में बाढ़ का खतरा, जानें किन इलाकों में अलर्ट जारी
इस साल राजस्थान में मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है। शुरुआत से ही राज्य में अक्सर सक्रिय या प्रबल मानसूनी परिस्थितियाँ बनी रही हैं। पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 77% अधिक बारिश, जबकि पूर्वी राजस्थान में 135% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। आगे के दिनों में राजस्थान में भारी बारिश की संभावना है, विशेषकर पूर्वी राजस्थान में। कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश से स्थानीय बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है।
कम दबाव का क्षेत्र बना सक्रिय, बारिश बढ़ेगी
पश्चिम बंगाल और झारखंड पर बना कम दबाव क्षेत्र पिछले कुछ दिनों से लगभग स्थिर बना हुआ है। अब यह सिस्टम धीरे-धीरे पश्चिम की ओर छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेगा। इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) 13 जुलाई को दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्व राजस्थान की ओर पहुंचेगा। मानसून ट्रफ (Monsoon Trough) की धुरी भी दक्षिण की ओर खिसक जाएगी और यह कम दबाव क्षेत्र के साथ जुड़े लंबे पूर्व-पश्चिम फैले परिसंचरण से होकर गुजरेगी। इससे राजस्थान में 13 से 16 जुलाई तक मानसून की गतिविधियाँ तेज हो जाएंगी।
13-14 जुलाई: पूर्वी राजस्थान में बारिश का कहर
13 और 14 जुलाई को पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश होगी। जयपुर, अलवर, अजमेर के साथ-साथ धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा ज़िलों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। 13 जुलाई को बारिश की तीव्रता और क्षेत्रीय विस्तार चरम पर होगा।
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15-16 जुलाई: उत्तर और पश्चिम राजस्थान पर असर
15 और 16 जुलाई को उत्तर और कुछ पश्चिमी जिलों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। हालांकि सीमावर्ती पश्चिमी इलाके (जैसे जैसलमेर और आसपास) संभवतः भारी बारिश से बच सकते हैं। गंगानगर, सूरतगढ़, अनूपगढ़, हनुमानगढ़ और महाजन में 16 जुलाई को भारी बारिश होने की संभावना है।
17 जुलाई के बाद राहत की उम्मीद
17 जुलाई से मौसम में सुधार शुरू होगा और 18 जुलाई से राजस्थान में बड़ी राहत की संभावना है। बारिश में कमी आने से जनजीवन सामान्य होने लगेगा।







