दिल्ली सहित उत्तर भारत के भागों में बीते 4-5 दिनों से बारिश का मौसम जारी है। बारिश ने उमस और गरम से कुछ हद तक लोगों को राहत पहुंचाई है लेकिन इससे सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं। सबसे अधिक उछाल प्याज़ की कीमतों में आया है। दिल्ली के अलग अलग भागों में प्याज़ का फुटकर भाव 60 से 70 रूपये प्रति किलो चल रहा है। देश के विभिन्न भागों से राजधानी दिल्ली की मंडियों में सब्जियों की आवक में कमी आई है जिसने कीमतों को उछाला है।
जानकारों का मानना है कि दिल्ली की अलग-अलग मंडियों में पानी भर गया है जिससे मंडियों में कारोबार सामान्य तरह से नहीं हो पा रहा है। सुदूर राज्यों के व्यापारी भी भारी बारिश को देखते हुये अपना माल नहीं निकाल रहे हैं। दिल्ली की मीडिया में ऐसी भी खबरें हैं कि आवक में कमी का हवाला देते हुये कीमतें बढ़ाने की जुगत में स्थानीय मंडियों के व्यापारी जमाखोरी कर रहे हैं।
आमतौर पर अधिक मांग और कम आपूर्ति के चलते किसी भी वस्तु की कीमत में बढ़ोत्तरी होती है, जिसे बाज़ार के नजरियों से स्वाभाविक माना जाता है। प्याज़ के संदर्भ में अगर देखें तो कीमतों की वृद्धि में यही कारण है। खाद्य पदार्थों और सब्जियों तथा फलों के उत्पादन में कमी की वजह से भी कीमतें बढ़ जाती हैं। लेकिन वर्तमान बाज़ार और सब्जियों के उत्पादन का समीकरण देखें तो प्याज़ का पर्याप्त भंडार देश के अलग अलग हिस्सों में मौजूद है तथा अपेक्षित आपूर्ति नहीं हो रही है। मांग और आपूर्ति में आए असंतुलन के चलते प्याज़ सहित अन्य सब्जियों की कीमतें बढ़ रही हैं इसलिए इसे उत्पादन से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता।
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