Bengaluru Heavy Rain: बेंगलुरु में मूसलधार बारिश का कहर, सड़कों पर पानी और जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

May 20, 2025, 3:55 PM | Skymet Weather Team
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बेंगलुरु का आज का मौसम भी गंभीर बना हुआ है। आसमान में बादल छाए रहेंगे और खासतौर पर शाम व रात के समय बारिश होने की तेज संभावना है। बेंगलुरु में बीते 24 घंटे में 105 मिमी बारिश हुई है, जो पिछले 15 वर्षों में दूसरी सबसे अधिक बारिश है। वहीं, बेंगलुरु में आज दिन में हल्की बारिश और शाम तक भारी बारिश की उम्मीद है। अगले दो दिनों तक इसी तरह की बारिश जारी रह सकती है, जबकि तीसरे दिन कुछ छिटपुट बौछारें हो सकती हैं। बंगाल की खाड़ी और कर्नाटक तट पर बने दो चक्रवाती परिसंचरण बेंगलुरु सहित दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में नमी बढ़ा रहे हैं, जो तेज हवाएं और बारिश ला रहे हैं।

बारिश में फंसी गाड़ी का निकलाते लोग, PTI

बेंगलुरु में जल्द खत्म होगी बारिश

21 मई को कोंकण तट पर एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जिसके कारण नमी धीरे-धीरे कर्नाटक से दूर खिसक जाएगी। 22 मई के बाद बेंगलुरु में बारिश में कमी आने की उम्मीद है। इसके बाद अगली भारी बारिश तब देखने को मिल सकती है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में प्रवेश करेगा।

भारी बारिश का असर: जलभराव और जनहानि

अचानक हुई भारी बारिश ने बेंगलुरु को अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर के कई इलाकों में 100 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जो 2011 के बाद सबसे अधिक है। सोशल मीडिया पर पानी में डूबी सड़कों, झाग से भर चुकी गलियां और आधी कमर तक पानी में फंसे लोगों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए-“Bengaluru foam after rain” एक बार फिर ट्रेंड करने लगा।

दुखद रूप से, इस बारिश के कारण तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक 12 साल का बच्चा और एक 35 वर्षीय टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल शामिल हैं। शहर के आईटी कॉरिडोर में एक कंपाउंड वॉल गिरने से भी एक जान गई। कई घरों में पानी भर गया और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। HAL स्टेशन पर 1 मई से अब तक 200 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिससे मई का महीना बेंगलुरु के लिए मानो एक आपदा बन गया है।

घर से काम की मजबूरी, आवाजाही रही ठप

बड़ी टेक कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के निर्देश दिए, क्योंकि सड़कों पर आवाजाही लगभग असंभव हो गई थी। नागरिकों को जाम, जलमग्न अंडरपास और रुकी हुई बसों और ट्रेनों से जूझना पड़ा। हर दिन का सफर एक चुनौती बन गया।

क्यों हुआ ऐसा: मौसम की मार या शहरी अव्यवस्था?

बेंगलुरु की यह जलभराव की समस्या केवल मौसम की देन नहीं है, यह एक मानवीय चूक का नतीजा भी है। दो चक्रवाती हवाओं के संगम ने तो भारी बारिश की स्थिति पैदा की, लेकिन असल समस्या शहर की बुनियादी ढांचे की कमज़ोरियों में छिपी है। सूखती झीलें, कब्जे की गई जलभूमियाँ, जर्जर नालियां और बेतरतीब शहरीकरण ने इस शहर को संवेदनहीन बना दिया है। भारत के "गार्डन सिटी" के रूप में प्रसिद्ध बेंगलुरु अब कंक्रीट के नीचे दबता जा रहा है, जहां बारिश का पानी सोखने को हरियाली नहीं बची।

आगे क्या? अभी नहीं टला बारिश का खतरा

अगले 48 घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित रहेगा। 22 मई के बाद जैसे-जैसे निम्न दबाव पश्चिम की ओर खिसकेगा। जिससे बारिश में कुछ राहत मिलेगी, खासकर बेंगलुरु, मैसूर, मंड्या और हासन जिलों में। लेकिन यह राहत अस्थायी हो सकती है।

जैसे ही दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल के तट पर पहुंचेगा, बेंगलुरु एक बार फिर तेज बारिश की चपेट में आ सकता है। अगर जल निकासी की योजनाएं और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की दिशा में तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में हर बारिश एक नई आपदा जैसा अनुभव हो सकती है।

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