शीर्षक: देश से मॉनसून की विदाई अंतिम चरण में, जल्द दस्तक देगा उत्तर-पूर्वी मॉनसून
देश के उत्तरी हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी पूरी हो चुकी है। मानसून की धाराएँ अब उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली के मैदानी इलाकों से पूरी तरह बाहर निकल गई हैं। इसके अलावा गुजरात और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों से भी मानसून की विदाई हो चुकी है। मानसून का लौटना मध्य प्रदेश की सीमा से सटे राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के इलाकों से शुरू हुआ था।
मानसून वापसी दोबारा शुरू
फिलहाल मानसून वापसी की रेखा (Withdrawal Line) पश्चिम में वेरावल (Veraval) से लेकर पूर्व में शाहजहांपुर (Shahjahanpur) तक फैली हुई है। पिछले लगभग 10 दिनों से पूर्वी और पश्चिमी दोनों ओर सक्रिय मानसूनी प्रणालियों (Monsoon Systems) की वजह से मानसून की आगे की वापसी रुकी हुई थी। हाल ही में देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में हुई असमय लेकिन भारी बारिश अब जल्द ही खत्म होने वाली है, जिससे मानसून की वापसी का सिलसिला दोबारा शुरू हो जाएगा।
अरब सागर का चक्रवाती तूफान हुआ कमजोर
अरब सागर में बना चक्रवाती तूफान अब कमजोर पड़ गया है। हालांकि इसके अवशेष (Remnants) अगले कुछ दिनों तक पूर्व की ओर बढ़ सकते हैं, लेकिन यह प्रणाली गुजरात और महाराष्ट्र के तटों से काफी दूर रहेगी। यह कमजोर प्रणाली अगले 2 से 3 दिनों में अरब सागर के गहरे हिस्सों में ही खत्म हो जाएगी। संभावना है कि इसके बाकी बचे अवशेष फिर से पश्चिम की ओर बढ़कर ओमान और यमन के तटों के पास पहुंच जाएँगे।
बंगाल की खाड़ी में नई चक्रवाती प्रणाली की संभावना
पूर्वी तट पर 8 अक्टूबर के आसपास उत्तरी बंगाल की खाड़ी (North Bay of Bengal) में एक नया चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बनने की संभावना है। यह प्रणाली अगले 3-4 दिनों तक उसी क्षेत्र में बनी रह सकती है और बाद में या तो कमजोर होकर खत्म हो जाएगी या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में कमजोर परिसंचरण या ट्रफ (Trough) के रूप में बढ़ सकती है। आमतौर पर पूर्वोत्तर भारत में मानसून की गतिविधियाँ 10 अक्टूबर के बाद भी जारी रहती हैं, और लगभग 15 अक्टूबर के आसपास खत्म होती हैं।
मध्य, पश्चिम और उत्तर भारत से मानसून की पूरी वापसी
समुद्र और पहाड़ों के ऊपर कोई नया मौसम तंत्र (Weather System) न बनने की वजह से, अब मानसून की वापसी उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत के बाकी हिस्सों से भी शुरू हो जाएगी। 10 से 11 अक्टूबर के बीच मानसून गुजरात के बाकी हिस्सों, पूरे महाराष्ट्र (मुंबई सहित), मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी लौट जाएगा। इसी समय तक मानसून छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों से भी विदा हो जाएगा। पूर्वोत्तर भारत से मानसून की विदाई आखिरी चरण में होगी और यह देश के बाकी हिस्सों के साथ लगभग 15 अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
दक्षिण भारत में जल्द दस्तक देगा उत्तर-पूर्वी मानसून
12 से 16 अक्टूबर के बीच दक्षिण ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है। यह बारिश उत्तर-पूर्वी मानसून (Northeast Monsoon) के आगमन की पूर्व भूमिका (precursor) साबित होंगी। इस दौरान मानसूनी पूर्वी हवाएँ (Monsoon Easterlies) बंगाल की खाड़ी, आँध्र तट और तमिलनाडु के हिस्सों पर सक्रिय होंगी और धीरे-धीरे स्थल भागों में भी प्रवेश करेंगी, जिससे उत्तर-पूर्वी मानसून की शुरुआत का संकेत मिलेगा।
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