Summer 2025: कम गर्मी, ज्यादा बारिश! 2025 की गर्मी में क्या हो रहा है अलग?
2025 की गर्मी अब तक सामान्य से बिल्कुल अलग रही है। आमतौर पर मई का महीना तेज धूप और गर्म हवाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार तापमान काबू में है और बारिश की मात्रा भी सामान्य से ज्यादा रही है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक, हर जगह मौसम ने राहत दी है।
कहां गई भीषण गर्मी?
मार्च से मई के मध्य तक भारत में कहीं भी तापमान रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर नहीं पहुंचा। गुजरात और राजस्थान जैसे क्षेत्रों में अप्रैल में कुछ ही दिन लू चली, लेकिन उसका प्रभाव सीमित रहा। देश का "कोर हीटवेव ज़ोन", जिसमें मध्य, उत्तर और दक्षिण भारत के हिस्से आते हैं, अब तक शांत बना हुआ है। इस साल 1 मई को ही एकमात्र दिन रहा जब दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में लू चली।
बारिश और बादलों ने बढ़ाई ठंडक
इस साल तेज धूप की जगह बारिश और बादलों ने ली है। मई महीने में दक्षिण और मध्य भारत के कई हिस्सों में औसत से अधिक बारिश हुई है। लगातार पश्चिमी विक्षोभों (Western Disturbances) के चलते देश के कई हिस्सों में आँधी, बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिली। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और उत्तराखंड जैसे राज्यों में यह असर दिखा।
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तापमान में आई गिरावट
इन पश्चिमी विक्षोभों और बारिश की वजह से अधिकतम तापमान 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया। 2 से 8 मई के बीच देश में औसतन 20% अधिक वर्षा हुई, और 8 से 14 मई के बीच 35% वर्षा अधिक रिकॉर्ड की गई। इस दौरान पूर्वोत्तर, मध्य भारत और पश्चिमी तट पर बारिश जारी रही।
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इस बदले मौसम के पीछे वजह क्या है?
कुछ मुख्य कारणों ने मिलकर इस ठंडे और नम मौसम की स्थिति बनाई है:
•पश्चिमी विक्षोभ इस बार सामान्य से कम अक्षांशों पर आए, जिससे उनका असर ज्यादा इलाकों में पड़ा।
•बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों से लगातार नमी आ रही है, जिससे गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है।
•इन नम हवाओं का टकराव मौजूदा सिस्टम्स के साथ हो रहा है, जिससे लगातार बारिश और बादल छाए हुए हैं। ये बादल धूप को रोकते हैं और तापमान बढ़ने नहीं देते।
अब आगे क्या होगा?
हालांकि अब तक गर्मी राहतभरी रही है, लेकिन मई के अंत तक उत्तर-पश्चिम भारत में लू की स्थिति फिर बन सकती है। खासकर राजस्थान और हरियाणा में 23 मई तक तापमान बढ़ सकता है। लेकिन 27 मई के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल पहुंचने की संभावना है, जो इस गर्मी की लहर को जल्दी खत्म कर सकता है। अगर सब कुछ अनुकूल रहा तो मानसून अन्य हिस्सों में भी समय से पहले पहुंच सकता है।
इस बार नहीं हुई भीषण गर्मी
2025 की गर्मी अब तक हैरान करने वाली रही है। जहां आमतौर पर लू चलती है, वहां बादल गरज रहे हैं। इस बार की गर्मी ‘तपिश’ नहीं, ‘ठंडक’ लेकर आई है। यह सीजन एक उदाहरण है कि मौसम हमेशा उम्मीदों के मुताबिक नहीं चलता।
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